नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित डीयू के 28 कॉलेजों का रोका गया फंड आखिरकार दिल्ली सरकार ने जारी कर दिया है. कुछ दिन पहले दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनाए जाने से नाराज होकर फंड रोकने का आदेश दिया था.
फंड जारी करने का आदेश
मनीष सिसोदिया के आदेश के बाद वहां प्रोफेसरों को वेतन मिलना बंद हो गया था. पिछले दिनों ये मामला जोर-शोर से उठा. उस समय नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से इसकी शिकायत की थी. अब दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन ने जब वेतन नहीं मिलने का रोना मनीष सिसोदिया के सामने रोया तो उन्होंने शिक्षा निदेशालय को फंड जारी करने का आदेश दे दिया है.
'यह समस्या केंद्र सरकार की वजह से'
दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों को पिछले 3 महीने से सरकार से मिलने वाले फंड की कमी से जूझना पड़ रहा था. इसके लिए बीजेपी ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि कॉलेजों को दिए जाने वाले फंड में ना तो कोई कटौती की गई है ना ही इसे देने में हमें कोई दिक्कत है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मनमानी के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है.
मनीष सिसोदिया का आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर डीयू के वीसी काम कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 में से 12 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनने दे रहे और जब तक गवर्निंग बॉडी नहीं बनती सरकार कैसे फंड जारी कर सकती है.
मामला उपराज्यपाल तक पहुंचा
बता दें कि कुछ दिनों पहले डीयू के कॉलेजों के शिक्षकों ने नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता से मुलाकात कर इस मसले को उठाया था. उनका कहना था कि फंड की कमी के चलते उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. तब उन्होंने उपराज्यपाल तक से मुलाकात कर मांग की थी कि वो दिल्ली सरकार को फंड रिलीज करने के निर्देश दें.