नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने समान नागरिक संहिता बिल को लेकर जुलाई के मध्य तक देशभर के लोगों से अपनी राय जाहिर करने का समय दिया है. इसी कड़ी में दिल्ली के रकाबगंज गुरुदारे में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने यूसीसी बिल का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि बिल का ड्राफ्ट हमारे सामने अभी तक नहीं आया है. यह बिल माइनॉरिटी के लिए खतरनाक है. इस बिल को लाने के लिए पहले सरकार को सभी धर्मों के लोगों के साथ चर्चा करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत की आजादी से पहले जो सिखों के साथ वादे किये गए थे, यह बिल उसके खिलाफ है. हम इस बिल की कड़ी निंदा करते हैं और किसी भी कीमत पर इसे लागू नहीं होने दे सकते हैं. सिखों को दरकिनार करके बिल हम किसी कीमत पर पास नहीं करने देंगे.
समान नागरिक संहिता बिल सिख समुदाय के खिलाफ है, इस देश सभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो की परंपरा अलग-अलग है, सभी की रस्में रिवाज अलग-अलग है, एक तरफ तो केंद्र सरकार सिखों को दयालु और मुसीबतों के समय संकट से बचाने वाली बताती है, वहीं दूसरी तरफ हमारे हितों की अनदेखी कर रही है.
-परमजीत सिंह सरना
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परमजीत सिंह सरना ने कहा कि सरकार पहले इस बिल का प्रारूप हमे भेजे. हम इस बिल में सिखों के हितों को देंखेंगे. नहीं तो हम देश में जहां ज्यादा सिखों की आबादी है, वहां जाकर इस बिल के खिलाफ सिग्नेचर अभियान चलायेंगे. इसके साथ ही पंजाब सरकार भी इस बिल का जड़ से विरोध करती है. पंजाब सरकार इस बिल को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में विरोध करेगी. आखिर में परमजीत सिंह सरना ने कहा कि समान नागरिक संहिता बिल पर हम सभी सिख जत्थे एक साथ है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के यूसीसी समर्थन पर सरना ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं.
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