नई दिल्ली: आज भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस बार भगवान कृष्ण के जन्म का क्या सही समय है और जन्माष्टमी के मौके पर भगवान कृष्ण की कैसे पूजा अर्चना करें, इसकी क्या कुछ सही विधि है इसको लेकर ईटीवी भारत में दिल्ली के पहाड़गंज स्थित बांके बिहारी मंदिर के पंडित तरुण शास्त्री से जानकारी ली.
पंडित तरुण शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म की तिथि ऐतिहासिक है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. पौराणिक कथाओं और धार्मिक आस्था के मुताबिक यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण हैं. हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. बांके बिहारी की पूजा अर्चना की जाती है उन्हें भोग लगाया जाता है और नंदलाल को जन्मोत्सव के दिन खूब तैयार किया जाता है.
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पंडित जी ने बताया कि 29 अगस्त की रात 11:28 बजे से यह अष्टमी तिथि शुरू हो रही है, जो सोमवार रात 2:20 बजे तक यह अष्टमी तिथि रहेगी ऐसे में स्थिति में आज रात 12:00 बजे विशेष योग बन रहा है. पंडित जी ने बताया कि इस तिथि के दिन नंदलाला की पूजा अर्चना के साथ उनका ध्यान किया जाता है. श्रद्धालु उपवास भी रखते हैं और रात 12:00 बजे कृष्ण जन्म होने के बाद व्रत खोला जाता है. रात्रि 12:00 बजे कृष्ण जन्म होने के बाद भगवान कृष्ण का स्नान कराया जाता है. पंचामृत से उनका अभिषेक होता है, नए सुंदर वस्त्र पहनाए जाते हैं और उन्हें भोग लगाया जाता है और फिर सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है.
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पंडित जी ने बताया क्योंकि इस बार महामारी के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं के आने की अनुमति नहीं है, लेकिन कृष्ण जन्मोत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. मंदिरों में भी सभी तैयारियां की गई हैं जो श्रद्धालु मंदिरों में नहीं पहुंच सकते हैं, वह घरों में ही इस पर्व को मनाएंगे और घर पर ही भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करेंगे.