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दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के आह्वान पर श्री अरबिंदो कॉलेज के शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन

श्री अरबिंदो कॉलेज के शिक्षकों ने तदर्थ शिक्षकों को हटाने के विरोध में गुरुवार को प्रिंसिपल ऑफिस के सामने धरना देकर विरोध जताया. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया.

अरबिंदो कॉलेज के शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन
अरबिंदो कॉलेज के शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Dec 22, 2022, 7:23 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रही नियुक्तियों के दौरान तदर्थ शिक्षकों को हटाने के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर गुरुवार को श्री अरबिंदो कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में स्थायी व एडहॉक शिक्षकों ने धरने में भाग लिया. प्रिंसिपल ऑफिस के सामने इस धरने का नेतृत्व एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.विनय कुमार सिंह ने किया. धरने को एसोसिएट प्रोफेसर व पूर्व विद्वत परिषद सदस्य डॉ. हंसराज सुमन, डॉ. विवेक चौधरी, डॉ.बत्तीलाल बैरवा, डॉ.संजय त्यागी, डॉ.संगीता आदि ने संबोधित किया. शिक्षकों ने करीब दो घंटे नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि लंबे समय से कार्यरत एडहॉक शिक्षकों को नियुक्तियों के समय बाहर न निकाले.

अमानवीय तरीके से किया जा रहा तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन : इस अवसर पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हंसराज सुमन ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन अमानवीय तरीके से किया जा रहा है. काफी लंबे समय से अध्यापन कार्य कर रहे तदर्थ शिक्षकों के साथ इंटरव्यू के नाम पर किए जा रहे षड्यंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कॉलेजों के विभागों में खाली जगहों पर तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की मांग भी दोहराई. उन्होंने कहा कि स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में गति लाई जाए.

ये भी पढ़ें :- साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022ः हिंदी में बद्री नारायण और अंग्रेजी में अनुराधा रॉय को अवार्ड

विश्वविद्यालय प्रशासन से निर्णय तुरंत वापस लेने की अपील : उन्होंने हाल में कक्षा, ट्यूटोरियल और प्रायोगिक कार्य की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों को संस्थान, कॉलेज में एक सप्ताह में 40 घंटे व्यतीत करने संबंधी अधिसूचना पर आपत्ति जताई और कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बिना शिक्षक समुदाय को विश्वास में लिए मनमाने तरीके से निर्णय ले रहा है. जिसका शिक्षक जोरदार विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए.

किसी भी टीचर्स को बाहर नहीं होने देंगे :एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी भले ही समाप्त हो गई हो लेकिन हम अल्पकालिक प्रबंध समिति के माध्यम से जल्द से जल्द पदों के विज्ञापन निकलवाकर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कराएंगे. उन्होंने श्री अरविंदो कॉलेज के सभी एडहॉक शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि वे अपने कॉलेज से किसी भी टीचर्स को बाहर नहीं होने देंगे. विश्वविद्यालय ने वर्कलोड कम किया है व कॉलेजों में बैठने का समय बढ़ाया है, उसका विरोध डूटा के साथ मिलकर करेंगे.

ये भी पढ़ें :- 'देश मुस्लिमों के लिए असुरक्षित' : बोले RJD नेता- 'मैंने बेटे-बेटी को विदेश में रहने को कहा'..VIDEO VIRAL

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रही नियुक्तियों के दौरान तदर्थ शिक्षकों को हटाने के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर गुरुवार को श्री अरबिंदो कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में स्थायी व एडहॉक शिक्षकों ने धरने में भाग लिया. प्रिंसिपल ऑफिस के सामने इस धरने का नेतृत्व एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.विनय कुमार सिंह ने किया. धरने को एसोसिएट प्रोफेसर व पूर्व विद्वत परिषद सदस्य डॉ. हंसराज सुमन, डॉ. विवेक चौधरी, डॉ.बत्तीलाल बैरवा, डॉ.संजय त्यागी, डॉ.संगीता आदि ने संबोधित किया. शिक्षकों ने करीब दो घंटे नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि लंबे समय से कार्यरत एडहॉक शिक्षकों को नियुक्तियों के समय बाहर न निकाले.

अमानवीय तरीके से किया जा रहा तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन : इस अवसर पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हंसराज सुमन ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन अमानवीय तरीके से किया जा रहा है. काफी लंबे समय से अध्यापन कार्य कर रहे तदर्थ शिक्षकों के साथ इंटरव्यू के नाम पर किए जा रहे षड्यंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कॉलेजों के विभागों में खाली जगहों पर तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की मांग भी दोहराई. उन्होंने कहा कि स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में गति लाई जाए.

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विश्वविद्यालय प्रशासन से निर्णय तुरंत वापस लेने की अपील : उन्होंने हाल में कक्षा, ट्यूटोरियल और प्रायोगिक कार्य की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों को संस्थान, कॉलेज में एक सप्ताह में 40 घंटे व्यतीत करने संबंधी अधिसूचना पर आपत्ति जताई और कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बिना शिक्षक समुदाय को विश्वास में लिए मनमाने तरीके से निर्णय ले रहा है. जिसका शिक्षक जोरदार विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए.

किसी भी टीचर्स को बाहर नहीं होने देंगे :एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी भले ही समाप्त हो गई हो लेकिन हम अल्पकालिक प्रबंध समिति के माध्यम से जल्द से जल्द पदों के विज्ञापन निकलवाकर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कराएंगे. उन्होंने श्री अरविंदो कॉलेज के सभी एडहॉक शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि वे अपने कॉलेज से किसी भी टीचर्स को बाहर नहीं होने देंगे. विश्वविद्यालय ने वर्कलोड कम किया है व कॉलेजों में बैठने का समय बढ़ाया है, उसका विरोध डूटा के साथ मिलकर करेंगे.

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