नई दिल्ली: दिल्ली में दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने पर बैन लगा दी गई है. केजरीवाल सरकार के इस आदेश के बाद पटाखा व्यापारियों में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. व्यापारियों ने कहा कि हर साल पटाखों के प्रतिबंध के चलते भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
जामा मस्जिद स्थित पटाखा बाजार में ज्यादातर दुकानदार इस मुद्दे को लेकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि, कुछ दुकानदारों ने इसको लेकर दिल्ली सरकार पर हमला किया और तानाशाही सरकार तक कह दिया. वहीं, एक दुकान मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम लोग इस सरकार के हर साल के फरमान से परेशान होकर अपना व्यवसाय ही पटाखों से बदलकर मूर्तियों का कर लिया.
दुकानदार ने बताया कि सभी लोग पटाखों का व्यापार इस उम्मीद में करते हैं कि सीजन के दौरान कुछ लाभ होगा, लेकिन जब सरकार प्रतिबंध लगा देती है तो सारा माल बेकार हो जाता है. इससे भारी नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, दूसरे दुकानदार ने कहा कि केजरीवाल सरकार का जिस व्यवसाय में खुद का फ़ायदा होता है उसको करने देती है.
दुकानदार रामदास ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ग्रीन पठाखे जलाने की छुट दी हुई है, सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए. सभी प्रकार के पटाखों पर बैन लगाकर व्यापारियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. दिल्ली में कई और वजहों से भारी प्रदूषण की समस्या होती है, उस तरफ भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.
बता दें, दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा था कि दिवाली के दौरान दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक स्तिथि को देखते हुए इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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