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खिड़की से सांस लेकर बचाई जान, लेकिन 3 भाई-बहन और मां को नहीं बचा सका - bhikam singh colony cylinder blast

शाहदरा जिले के भीकम सिंह कॉलोनी इलाके में रहने वाला लालचंद ने एक हादसे में तीन भाई-बहन और अपनी मां को खो दिया. वहीं खिड़की से सांसे लेकर खुद की जान तो बचा लिया लेकिन, 3 भाई-बहन और मां की जान नहीं बचा सका.

shahdara fire incident update
शाहदरा सिलेंडर ब्लास्ट
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Published : Jul 1, 2021, 11:56 AM IST

नई दिल्लीः शाहदरा जिला के भीकम सिंह कॉलोनी इलाके में रहने वाला लालचंद मंगलवार रात तकरीबन 12:30 बजे अपने घर में सोने की तैयारी में था, कमरे में तीन भाई-बहन के अलावा मां भी थी. सोने से पहले वह भाई के साथ मोबाइल देख रहा था, तभी जोरदार धमाका हुआ और घर में धुआं भर गया. लालचंद तेजी से उठा और दरवाजा तक गया, लेकिन दरवाजा के सामने गिरे मलबे की वजह से गेट नहीं खुल पाया.

लालचंद तुरंत अपने भाई बहन और मां को उठाया और खिड़की के पास ले गया. तब तक घर में और भी ज्यादा धुआं भर गया. सभी को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. सभी लोग किसी तरीके से खिड़की के सहारे सांस लेने का प्रयास करने लगे. इस बीच आसपास के लोगों ने पुलिस और दमकल की टीम को सूचना दी. मौके पर पहुंचे दमकल कर्मी और पुलिसकर्मी ने खिड़की काटकर सभी को बाहर निकाला और पास के अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने लालचंद के दो भाई. एक बहन और मां को मृत घोषित कर दिया, जबकि लालचंद गंभीर रूप से घायल हो गया.

शाहदरा सिलेंडर ब्लास्ट केस.

ये भी पढ़ेंः-दिल्ली: शाहदरा के एक मकान में सिलेंडर ब्लास्ट, 4 की मौत, एक झुलसा

सिलेंडर ब्लास्ट से हुआ हादसा

लालचंद ने ईटीवी भारत से बताया कि मकान के जिस कमरे में वह परिवार के साथ रहता था, उस मकान के दूसरे कमरे में गैस चूल्हा रिपेयरिंग की दुकान थी. साथ ही अवैध रूप से छोटे सिलेंडर में गैस भरने का काम किया जाता था. दुकान में कई भरे हुए गैस सिलेंडर रखे रहते थे. बीती रात सिलेंडर में ब्लास्ट के बाद दीवार टूट गई. बचने के लिए बहुत प्रयास किया, लेकिन वह अपने परिवार के सदस्यों को बचा नहीं पाया.

पुलिस का ब्लास्ट से इनकार

लालचंद के रिश्तेदार का कहना है कि हादसे की वजह अवैध रूप से गैस रिफलिंग है. हालांकि पुलिस ने ब्लास्ट के मामले से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि गैस लीकेज की वजह से आग लग गई और यह हादसा हुआ है. आग में फंसे लालचंद को एएसआई आनंदपाल, कॉन्स्टेबल अजीत सिंह, कॉन्स्टेबल उपेंद्र और कॉन्स्टेबल चेरी ने समय रहते बचा लिया.

1 साल पहले हादसे में हुई थी पिता सहित 4 लोगों की मौत

लालचंद के परिवार में यह पहला हादसा नहीं है, जब उसके परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई. इससे पहले भी करीब 1 साल पहले अपनी मां की मौत की खबर सुनने के बाद यूपी के गांव जा रहे उसके पिता और तीन चाचा की सड़क हादसे में मौत हो गई थी.

नई दिल्लीः शाहदरा जिला के भीकम सिंह कॉलोनी इलाके में रहने वाला लालचंद मंगलवार रात तकरीबन 12:30 बजे अपने घर में सोने की तैयारी में था, कमरे में तीन भाई-बहन के अलावा मां भी थी. सोने से पहले वह भाई के साथ मोबाइल देख रहा था, तभी जोरदार धमाका हुआ और घर में धुआं भर गया. लालचंद तेजी से उठा और दरवाजा तक गया, लेकिन दरवाजा के सामने गिरे मलबे की वजह से गेट नहीं खुल पाया.

लालचंद तुरंत अपने भाई बहन और मां को उठाया और खिड़की के पास ले गया. तब तक घर में और भी ज्यादा धुआं भर गया. सभी को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. सभी लोग किसी तरीके से खिड़की के सहारे सांस लेने का प्रयास करने लगे. इस बीच आसपास के लोगों ने पुलिस और दमकल की टीम को सूचना दी. मौके पर पहुंचे दमकल कर्मी और पुलिसकर्मी ने खिड़की काटकर सभी को बाहर निकाला और पास के अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने लालचंद के दो भाई. एक बहन और मां को मृत घोषित कर दिया, जबकि लालचंद गंभीर रूप से घायल हो गया.

शाहदरा सिलेंडर ब्लास्ट केस.

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सिलेंडर ब्लास्ट से हुआ हादसा

लालचंद ने ईटीवी भारत से बताया कि मकान के जिस कमरे में वह परिवार के साथ रहता था, उस मकान के दूसरे कमरे में गैस चूल्हा रिपेयरिंग की दुकान थी. साथ ही अवैध रूप से छोटे सिलेंडर में गैस भरने का काम किया जाता था. दुकान में कई भरे हुए गैस सिलेंडर रखे रहते थे. बीती रात सिलेंडर में ब्लास्ट के बाद दीवार टूट गई. बचने के लिए बहुत प्रयास किया, लेकिन वह अपने परिवार के सदस्यों को बचा नहीं पाया.

पुलिस का ब्लास्ट से इनकार

लालचंद के रिश्तेदार का कहना है कि हादसे की वजह अवैध रूप से गैस रिफलिंग है. हालांकि पुलिस ने ब्लास्ट के मामले से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि गैस लीकेज की वजह से आग लग गई और यह हादसा हुआ है. आग में फंसे लालचंद को एएसआई आनंदपाल, कॉन्स्टेबल अजीत सिंह, कॉन्स्टेबल उपेंद्र और कॉन्स्टेबल चेरी ने समय रहते बचा लिया.

1 साल पहले हादसे में हुई थी पिता सहित 4 लोगों की मौत

लालचंद के परिवार में यह पहला हादसा नहीं है, जब उसके परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई. इससे पहले भी करीब 1 साल पहले अपनी मां की मौत की खबर सुनने के बाद यूपी के गांव जा रहे उसके पिता और तीन चाचा की सड़क हादसे में मौत हो गई थी.

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