नई दिल्ली: कश्मीर के आईएएस टॉपर शाह फैसल ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वापस ले लिया है.
उनकी पत्नी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि उनके पति ने निर्देश दिया है कि याचिका वापस लें.
जम्मू-कश्मीर पुलिस किया था हाईकोर्ट में हलफनामा दायर
पिछले 27 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि शाह फैसल को आईबी के लुकआउट सर्कुलर जारी करने की वजह से हिरासत में लिया गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हलफनामे में कहा था कि शाह फैसल अमेरिका में मास्टर्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स करने जाने वाले थे.
लेकिन उनके वीजा पर बी1 और बी2 छपा हुआ था जो कि स्टूडेंट वीजा नहीं है. जिससे कोई व्यक्ति अमेरिका में पढ़ाई कर सके.
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट दल का किया था गठन
हलफनामे में कहा गया था कि शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नामक राजनीतिक दल का गठन किया है और केंद्र सरकार की ओर से पिछले 5 अगस्त को जो संवैधानिक बदलाव किया था उसके मुखर विरोधी रहे हैं. ऐसे में उनका बिना किसी स्टूडेंट वीजा के अमेरिका पढ़ने जाने में सच्चाई नहीं है.
फैसल ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर किया
23 अगस्त को सुनवाई के दौरान फैसल के वकीलों ने मांग की थी कि उनके बेटे और माता-पिता को उनसे मिलने दिया जा रहा है. तब कोर्ट ने कहा था कि फैसल की पत्नी, पुत्र और अभिभावक उनसे मिल सकते हैं, लेकिन एक साथ नहीं.
केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार फैसल से मिल सके.
शाह फैसल ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर किया था. पिछले 19 अगस्त को कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.
IAS की नौकरी छोड़कर की राजनीति की शुरूआत
शाह फैसल को 14 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लेकर श्रीनगर वापस भेज दिया गया था. श्रीनगर में उन्हें घर पर नजरबंद रखा गया है.
शाह फैसल ने आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति की शुरुआत की. वे जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष हैं. केंद्र द्वारा धारा 370 खत्म किए जाने का उन्होंने विरोध किया है.