नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) की दूसरी बैठक हुई. इस बैठक का मुख्य एजेंडा दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित था. बैठक में तीन मुद्दे रखे गए, जिसमें से एक पर सहमति बन पाई. बैठक में शिक्षा विभाग में कुछ अधिकारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव सीएम केजरीवाल ने रोक दिया क्योंकि उनके खिलाफ विजिलेंस के केस चल रहे हैं. इसके अलावे शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों को विभाग से हटाने का प्रस्ताव था, उस पर भी मुख्यमंत्री ने आपत्ति की और प्रस्ताव को रोक दिया गया. वहीं कुछ महिला अधिकारियों ने निजी कारणों से सब रजिस्ट्रार की पोस्टिंग से हटाने की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मानवीय दृष्टिकोण दिखाते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी.
नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी को यह बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित कैंप कार्यालय में हुई. दिल्ली सरकार में सर्विसेज को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधी सेवा विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था. इस प्रस्ताव में तीन अलग-अलग श्रेणी के अनुरोध शामिल था. इन श्रेणियों में कुछ अधिकारियों के ट्रांसफर का अनुरोध करने वाले विभाग थे, तो कुछ विभागों में पद खाली और उन पदों पर नई तैनाती की मांग की गई थी. इसके अलावा, इसमें कुछ निजी तौर पर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की मांग को लेकर किए गए अनुरोध शामिल था. इसमें आज हुई बैठक में दो में सहमति नहीं बन पाई.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एनसीसीएसए की बैठक में सदस्य सचिव एवं मुख्य सचिव शामिल है. इस अथॉरिटी के तीन सदस्यों में कोई भी फैसला 2-1 से पास होता है. जिस मुद्दे पर दो सदस्य सहमत होते हैं, वह स्वीकृत हो जाता है. बता दें कि एनसीसीएसए की बैठक का मुद्दा तब सुर्खियों में आया, जब एनसीसीएसए को दरकिनार कर इसकी शक्तियां दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्य सचिव के हाथों में सौंप दी गईं. एनसीसीएसए की पहली बैठक गत 20 जून को हुई थी. दूसरी बैठक 28 जून को बुलाई गई थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से यह बैठक नहीं हो पाई और आज गुरुवार को यह बैठक हुई है.
नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की दूसरी बैठक में लिए गए फैसले
- शिक्षा विभाग में कुछ अधिकारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव सीएम केजरीवाल ने रोक दिया क्योंकि उनके खिलाफ विजिलेंस के केस चल रहे.
- शिक्षा विभाग के कुछ अच्छे अधिकारियों को विभाग से हटाने का प्रस्ताव था, उस पर भी सीएम ने आपत्ति की और प्रस्ताव को रोक दिया.
- कुछ महिला अधिकारियों ने पर्सनल ग्राउंड पर सब रजिस्ट्रार की पोस्टिंग से हटाने की मांग की थी, जिसे सीएम ने मानवीय दृष्टिकोण दिखाते हुए अप्रूव किया.
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