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JNU में बाबरी मस्जिद विध्वंस के विरोध में 'राम के नाम' फिल्म की स्क्रीनिंग, ABVP ने किया विरोध

जेएनयू में बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर लेफ्ट विंग के छात्रों ने राम के नाम फिल्म की स्क्रीनिंग की. इस दौरान ABVP के छात्रों ने इसके विरोध में जमकर नारेबाजी की. दोनों गुटों में कोई टकराव ना हो इसके लिए जेएनयू में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रही.

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Published : Dec 10, 2022, 9:02 PM IST

JNU में बाबरी मस्जिद विध्वंस के विरोध में 'राम के नाम' फिल्म की स्क्रीनिंग, ABVP ने किया विरोध.

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की घटना को 30 साल हो गए हैं, लेकिन इससे जुड़ा विवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है. जेएनयू कैंपस में जेएनयूएसयू की तरफ से राम के नाम फिल्म की स्क्रीनिंग लगभग हर साल 6 दिसंबर को की जाती है. राम के नाम यह फिल्म जब से बनी है तब से विवादित रही है. इस फिल्म को लेकर अलग-अलग समुदाय की अलग-अलग राय है. राइट समर्थक लोग मानते हैं कि इस फिल्म में बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ चीजें दिखाई गई हैं.

वहीं, लेफ्ट समर्थक मानते हैं कि बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की लगभग सच्चाई इस फिल्म में दिखाई गई है. बहरहाल बीते कई सालों से 6 दिसंबर को जेएनयूएसयू (Jawaharlal Nehru University Students Union) में लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा इस फिल्म की स्क्रीनिंग की जाती है. इस साल स्क्रीनिंग के दौरान कैंपस का माहौल थोड़ा अलग था. इस बार एबीवीपी के छात्रों ने इस फिल्म के स्क्रीनिंग के विरोध में जमकर नारेबाजी की.

छात्र यूनियन के कार्यालय में इस फिल्म की स्क्रीनिंग हो रही थी. वहीं, दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्र बाहर लेफ्ट समर्थक छात्रों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और जय श्रीराम, जय श्रीराम का नारा लगाकर इसका विरोध कर रहे थे. इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर किसी तरह का विवाद कैंपस में ना हो इसलिए स्थानीय सिक्योरिटी के अलावा दिल्ली पुलिस के जवान और आला अधिकारी सिविल में कैंपस के चप्पे-चप्पे में मौजूद थे.

बहरहाल, एबीवीपी के छात्र थोड़ी देर के विरोध प्रदर्शन के बाद शांत हो गए. लेफ्ट समर्थक छात्रों ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग कर पूरे फिल्म को देखा. वहीं दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्रों ने प्रदर्शन करके अपना विरोध भी जारी कर दिया.

बता दें, जेएनयू मेंं हर साल 6 दिसम्बर को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बरसी पर राम के नाम फिल्म को प्रोजेक्टर पर जेएनएसयू और लेफ्ट से जुड़े छात्रों द्वारा दिखाया जाता है. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लेफ्ट से जुड़े छात्र आते हैं. फिल्म खत्म होने के बाद विवादित भाषण दिया जाता है और फिल्म देखने आये छात्रों से चंदा इकठ्ठा किया जाता है, जिसे फिल्म चलाने के लिए खर्चे में दिया जाता है. पहले यह फिल्म जेएनएसयू ऑफिस के बाहर खुले में दिखाया जाता था.

ये भी पढ़ें: MCD की 51 सीटों पर AAP की हार की वजह बनी कांग्रेस

जेएनयु में अब प्रस्थितियां पहले से बदली हुई हैं. अब यहां राइट वींग यानी एबीवीपी काफी मजबूत हो गयी है. इसलिए इस बार इस फिल्म का विरोध एबीवीपी के छात्रों ने करना शुरू कर दिया. विरोध को देखते हुए जेएनएसयु ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग जेएनएसयु ऑफिस के अंदर हीं किया औऱ बाहर एबीवीपी के छात्र विरोध करते रहे. किसी भी तरह का टकराव ना हो, इसके लिए बड़ी संख्या मे जेएनयु के सुरक्षा गार्ड, दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी औऱ बड़ी संख्या मे पुलिस के जवान सादी वर्दी मे चारो तरफ तैनात थे. एक घंटे की इस फिल्म को देखने के बाद छात्र बिना कोई भाषण दिये चुपचाप चले गए. कुल मिलाकर दिल्ली पुलिस के मौजूदगी के कारण दोनों गुटों मे कोई टकराव नहीं हुआ.

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JNU में बाबरी मस्जिद विध्वंस के विरोध में 'राम के नाम' फिल्म की स्क्रीनिंग, ABVP ने किया विरोध.

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की घटना को 30 साल हो गए हैं, लेकिन इससे जुड़ा विवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है. जेएनयू कैंपस में जेएनयूएसयू की तरफ से राम के नाम फिल्म की स्क्रीनिंग लगभग हर साल 6 दिसंबर को की जाती है. राम के नाम यह फिल्म जब से बनी है तब से विवादित रही है. इस फिल्म को लेकर अलग-अलग समुदाय की अलग-अलग राय है. राइट समर्थक लोग मानते हैं कि इस फिल्म में बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ चीजें दिखाई गई हैं.

वहीं, लेफ्ट समर्थक मानते हैं कि बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की लगभग सच्चाई इस फिल्म में दिखाई गई है. बहरहाल बीते कई सालों से 6 दिसंबर को जेएनयूएसयू (Jawaharlal Nehru University Students Union) में लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा इस फिल्म की स्क्रीनिंग की जाती है. इस साल स्क्रीनिंग के दौरान कैंपस का माहौल थोड़ा अलग था. इस बार एबीवीपी के छात्रों ने इस फिल्म के स्क्रीनिंग के विरोध में जमकर नारेबाजी की.

छात्र यूनियन के कार्यालय में इस फिल्म की स्क्रीनिंग हो रही थी. वहीं, दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्र बाहर लेफ्ट समर्थक छात्रों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और जय श्रीराम, जय श्रीराम का नारा लगाकर इसका विरोध कर रहे थे. इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर किसी तरह का विवाद कैंपस में ना हो इसलिए स्थानीय सिक्योरिटी के अलावा दिल्ली पुलिस के जवान और आला अधिकारी सिविल में कैंपस के चप्पे-चप्पे में मौजूद थे.

बहरहाल, एबीवीपी के छात्र थोड़ी देर के विरोध प्रदर्शन के बाद शांत हो गए. लेफ्ट समर्थक छात्रों ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग कर पूरे फिल्म को देखा. वहीं दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्रों ने प्रदर्शन करके अपना विरोध भी जारी कर दिया.

बता दें, जेएनयू मेंं हर साल 6 दिसम्बर को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बरसी पर राम के नाम फिल्म को प्रोजेक्टर पर जेएनएसयू और लेफ्ट से जुड़े छात्रों द्वारा दिखाया जाता है. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लेफ्ट से जुड़े छात्र आते हैं. फिल्म खत्म होने के बाद विवादित भाषण दिया जाता है और फिल्म देखने आये छात्रों से चंदा इकठ्ठा किया जाता है, जिसे फिल्म चलाने के लिए खर्चे में दिया जाता है. पहले यह फिल्म जेएनएसयू ऑफिस के बाहर खुले में दिखाया जाता था.

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जेएनयु में अब प्रस्थितियां पहले से बदली हुई हैं. अब यहां राइट वींग यानी एबीवीपी काफी मजबूत हो गयी है. इसलिए इस बार इस फिल्म का विरोध एबीवीपी के छात्रों ने करना शुरू कर दिया. विरोध को देखते हुए जेएनएसयु ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग जेएनएसयु ऑफिस के अंदर हीं किया औऱ बाहर एबीवीपी के छात्र विरोध करते रहे. किसी भी तरह का टकराव ना हो, इसके लिए बड़ी संख्या मे जेएनयु के सुरक्षा गार्ड, दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी औऱ बड़ी संख्या मे पुलिस के जवान सादी वर्दी मे चारो तरफ तैनात थे. एक घंटे की इस फिल्म को देखने के बाद छात्र बिना कोई भाषण दिये चुपचाप चले गए. कुल मिलाकर दिल्ली पुलिस के मौजूदगी के कारण दोनों गुटों मे कोई टकराव नहीं हुआ.

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