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शिवरात्रि: कैसे करें भगवान भोलेनाथ की पूजा, जानिए शुभ समय - shuvbh Muhurat

सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है. जिससे भोलेनाथ खुश होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. पंडित जी के मुताबिक इस साल यह चतुर्थी 30 जुलाई को यानि आज सुबह 11:00 बजे से शुरू हो चुकी है और कल 31 जुलाई दोपहर तक जारी रहेगी.

भगवान भोलेनाथ की पूजा etv bharat
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Published : Jul 30, 2019, 3:29 PM IST

नई दिल्ली: सावन का महीना चल रहा है और शिव भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन है सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना और शिवलिंग के जलाभिषेक की खास मान्यता होती है.

सावन के महीने में शिवलिंग के जलाभिषेक की है खास मान्यता

इस पूरे महीने शिव भक्त शिव की भक्ति में लीन नजर आते हैं और आज सावन की शिवरात्रि पर कांवड़िए अपने आराध्य के शिवलिंग पर जल चढ़ाकर उनका अभिषेक कर रहे हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न कर रहे हैं.

कल दोपहर तक रहेगी शिवरात्रि
सावन की शिवरात्रि श्रावण मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है और इसकी क्या कुछ खास मान्यता रहती है. पंडित जी कुंज बिहारी भारद्वाज जी ने बताया कि इस साल यह चतुर्थी 30 जुलाई को आज सुबह 11:00 बजे से शुरू हो चुकी है और कल 31 जुलाई दोपहर तक जारी रहेगी.

सावन के महीने में शिव की विशेष महिमा
पंडित जी ने बताया कि वैसे तो भगवान भोलेनाथ को सच्चे मन से कभी भी याद किया जाए तो वह अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. शिवरात्रि और सावन का महीना बेहद पवित्र होता है और हर दिन भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ा कर उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो वह फलदाई होती है.

रुद्राभिषेक की विशेष मान्यता
पंडित जी ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है और इसका विशेष फल भक्तों को प्राप्त होता है रुद्राभिषेक के जरिए भगवान भोलेनाथ अधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

शिवरात्रि के साथ समाप्त होती है कांवड़ियों की यात्रा
पंडित जी ने बताया कि सावन की शिवरात्रि इसलिए भी खास होती है क्योंकि जो कांवड़िए पैदल कठिन यात्रा कर गंगाजल लेकर आते हैं और आज शिवलिंग का अभिषेक कर अपनी यात्रा को संपन्न करते हैं.

नई दिल्ली: सावन का महीना चल रहा है और शिव भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन है सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना और शिवलिंग के जलाभिषेक की खास मान्यता होती है.

सावन के महीने में शिवलिंग के जलाभिषेक की है खास मान्यता

इस पूरे महीने शिव भक्त शिव की भक्ति में लीन नजर आते हैं और आज सावन की शिवरात्रि पर कांवड़िए अपने आराध्य के शिवलिंग पर जल चढ़ाकर उनका अभिषेक कर रहे हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न कर रहे हैं.

कल दोपहर तक रहेगी शिवरात्रि
सावन की शिवरात्रि श्रावण मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है और इसकी क्या कुछ खास मान्यता रहती है. पंडित जी कुंज बिहारी भारद्वाज जी ने बताया कि इस साल यह चतुर्थी 30 जुलाई को आज सुबह 11:00 बजे से शुरू हो चुकी है और कल 31 जुलाई दोपहर तक जारी रहेगी.

सावन के महीने में शिव की विशेष महिमा
पंडित जी ने बताया कि वैसे तो भगवान भोलेनाथ को सच्चे मन से कभी भी याद किया जाए तो वह अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. शिवरात्रि और सावन का महीना बेहद पवित्र होता है और हर दिन भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ा कर उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो वह फलदाई होती है.

रुद्राभिषेक की विशेष मान्यता
पंडित जी ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है और इसका विशेष फल भक्तों को प्राप्त होता है रुद्राभिषेक के जरिए भगवान भोलेनाथ अधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

शिवरात्रि के साथ समाप्त होती है कांवड़ियों की यात्रा
पंडित जी ने बताया कि सावन की शिवरात्रि इसलिए भी खास होती है क्योंकि जो कांवड़िए पैदल कठिन यात्रा कर गंगाजल लेकर आते हैं और आज शिवलिंग का अभिषेक कर अपनी यात्रा को संपन्न करते हैं.

Intro:सावन सावन का महीना चल रहा है और शिव भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन है सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना और शिवलिंग के जलाभिषेक की खास मान्यता होती है इस पूरे महीने शिव भक्त शिव की भक्ति में लीन नजर आते हैं और आज सावन की शिवरात्रि पर कावड़िए अपने आराध्य के शिवलिंग पर जल चढ़ाकर उनका अभिषेक कर रहे हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न कर रहे हैं सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक करना कल्याणकारी माना जाता है इस दिन महिलाएं में मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना करती हैं और अपने परिवार के सलामती की मंगल कामना करती हैं


Body:कल दोपहर तक रहेगी शिवरात्रि
सावन की शिवरात्रि श्रावण मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है और इसकी क्या कुछ खास मान्यता रहती है इस पर हमने मंदिर के पंडित जी कुंज बिहारी भारद्वाज जी से बात की उन्होंने बताया कि इस साल यह चतुर्थी 30 जुलाई को आज सुबह 11:00 बजे से शुरू हो चुकी है और कल 31 जुलाई दोपहर तक जारी रहेगी,

सावन के महीने में शिव की विशेष महिमा
पंडित जी ने बताया कि वैसे तो भगवान भोलेनाथ को सच्चे मन से कभी भी याद किया जाए तो वह अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं शिवरात्रि और सावन का महीना बेहद पवित्र होता है और हर दिन भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ा कर उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो वह फलदाई होती है.

रुद्राभिषेक की विशेष मान्यता
पंडित जी ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है और इसका विशेष फल भक्तों को प्राप्त होता है रुद्राभिषेक के जरिए भगवान भोलेनाथ अधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं


Conclusion:शिवरात्रि के साथ समाप्त होती है कावड़ियों की यात्रा
पंडित जी ने बताया कि सावन की शिवरात्रि इसलिए भी खास होती है क्योंकि जो कावड़िए पैदल कठिन यात्रा कर गंगाजल लेकर आते हैं और आज शिवलिंग का अभिषेक कर अपनी यात्रा को संपन्न करते हैं जिसके कारण इस शिवरात्रि का कावड़ियों को शिव भक्तों को काफी लंबे समय से इंतजार रहता है और वह इसकी तैयारियों में सावन की शुरुआत से ही लग जाते हैं
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