नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को दिल्ली की अदालत से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी जमानत याचिका रद्द (Satyendar Jain bail plea rejected) कर दी है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन और दो अन्य की भी जमानत याचिका खारिज की है. उन्हें 30 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था.
विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल ने याचिका खारिज करते हुए मामले को मेरिट योग्य नहीं पाया. मामले में सत्येंद्र जैन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन पेश हुए थे. वहीं अंकुश जैन और वैभव जैन की तरफ से सुशील गुप्ता ने पैरवी की. ईडी का पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एसवी राजू कोर्ट में पेश हुए.
पिछले 6 महीनों से लंबी बहस, केस ट्रांसफर समेत कई कानूनी दुश्वारियों के बाद आए कोर्ट के फैसले ने यह तय कर दिया है कि सत्येंद्र जैन को छह महीने बाद भी जेल से मुक्ति नहीं मिल रही है. वह अभी जेल में ही रहेंगे. इससे पहले सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वकील एन हरिहरन ने ईडी के द्वारा बनाए गए केस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा बनाई गई कहानी उस फेयरी टेल जैसी है, जिसमें एक गरीब व्यक्ति राजकुमारी से विवाह करना चाहता है तो उसकी मदद के लिए शहर के सभी लोग केवल एक ही लाइन दोहराते हैं कि उनके पास जो कुछ भी है, वह सब उसी गरीब का है. इसी तरह ईडी की कहानी में थी किसी का भी रकम किसी के भी शेयर सब सत्येंद्र जैन के बता दिए गए हैं.
वहीं, अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने ईडी का पक्ष रखते हूए कोर्ट से कहा था कि 40-50 बार सत्येंद्र जैन ने हवाला ऑपरेटर को नगद मुहैया कराया. पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत गलत जानकारी देना अपराध है. सत्येंद्र जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं, जो कि IPC 199 के तहत दंडनीय है. ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए.
बता दें राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल सत्येंद्र जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इससे पहले बचाव पक्ष की तरफ से एन हरिहरन ने अपना पक्ष रखा और सत्येंद्र जैन को जमानत दिए जाने की मांग की. इस मामले में वैभव जैन और अंकुश जैन के वकील अपनी दलीलें पूरी कर चुके हैं.
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इससे पहले जैन की जमानत याचिका की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल कर रही थी. इस दौरान ईडी ने कोर्ट बदलने की मांग को लेकर एक आवेदन जिला न्यायाधीश विनय कुमार के पास दाखिल किया. आवेदन पर विचार करते हुए जिला प्रधान न्यायाधीश ने जमानत याचिका की सुनवाई और फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट स्थानांतरण की अनुमति दी थी. इसको लेकर जैन ने हाई कोर्ट में भी अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद विशेष न्यायाधीश इसकी सुनवाई कर रहे हैं.