नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को उनके घर का मालिकाना हक देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है. अब ये बिल संसद के पटल पर रखा जाएगा. बीजेपी इसे लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी भी इसका श्रेय लेने उतर गई है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसे लेकर कहा कि पहले दिन जब 27 बिलों की सूची आई थी, तो उसमें इसका जिक्र नहीं था. उसके बाद हमने जिस तरह आवाज उठाई और जिस तरह संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया, उसके बाद हमारे दबाव में केंद्र सरकार ये बिल लेकर आई है.
हालांकि उन्होंने ये भी कहा-
हमें इस बिल से कोई मतलब नहीं है. हमें लोगों के हाथों में रजिस्ट्री के पेपर चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत बार लोगों को मूर्ख बनाया जा चुका है. इसलिए जब तक रजिस्ट्री नहीं मिलती, हम आवाज उठाते रहेंगे.
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार का एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. लेकिन संजय सिंह ने इसे बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक मानने से इंकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 4 साल पहले दिल्ली कैबिनेट से ये बिल पास करा कर केंद्र को भेजा. अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास के लिए आवाज उठाई, फिर ये उनका मास्टर स्ट्रोक कैसे हो गया.