नई दिल्ली: दिल्ली एम्स में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स के डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास ने कुछ निर्देश दिए हैं. अनावश्यक भीड़ को बढ़ने से रोकने के लिए उन्होंने एक सर्कुलर जारी कर संंबंधित विभागों को टीचिंग ब्लॉक में मरीजों को नहीं भेजने का निर्देश दिया है. उन्होंने सर्कुलर में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि टीचिंग ब्लॉक का निर्माण एवं डिजाइन केवल शिक्षण और शोध कार्यों के अनुकूल ही बनाया गया है. इस क्षेत्र में शांत वातावरण होना जरूरी है. कुछ विभागों से मरीजों को शरीर के तरल पदार्थ के नमूने एकत्र करने, रिपोर्ट एकत्र करने आदि के लिए शैक्षणिक क्षेत्रों जैसे एफसी टीचिंग ब्लॉक की भेज दिए जाते हैं.
ओपीडी में ही लिए जाएंगे जांच सैंपल: सभी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कि सभी रोगियों के जांच संबंधी सभी प्रक्रिया जेसै सैंपल कलेक्शन, रिपोर्ट कलेक्शन जैसी चीजों को ओपीडी में ही किया जाए. किसी भी रोगी या उनके परिचारक को सैंपल कलेक्शन के लिए या विश्लेषण के लिए सैंपल जमा करने के लिए किसी अन्य क्षेत्र में जाने की आवश्यकता नहीं होगी. सभी रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से या संबंधित ओपीडी से उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिए 31 अगस्त,2023 तक संबंधित ओपीडी में ही नमूना संग्रह और रिपोर्ट संग्रह कक्ष की पहचान और संचालन किया जाएगा. यह आदेश एम्स के सभी केंद्रों के प्रमुख, चिकित्सा अधीक्षक, फैकल्टी प्रभारी और नई आरएके ओपीडी को दिया गया है.
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1 सितंबर से लागू होगी सुविधा: 1 सितंबर से सभी विभाग जो वर्तमान में मरीजों को सैंपल संग्रह और रिपोर्ट कलेक्शन के लिए टीचिंग ब्लॉक में भेज रहे हैं वो संकाय प्रभारी न्यू राजकुमारी अमतृ कौर ओपीडी के साथ कोर्डिनेट करेंगे. 1 सितंबर से किसी भी परिस्थिति में ऐसा नहीं होगा. 1 सितंबर 2023 को उनके सभी सैंपल और रिपोर्ट संग्रह ओपीडी से ही किए जाएंगे. साथ ही सभी रिपोर्ट एम्स के एचएमआईएस (अस्पताल) पोर्टल पर अपलोड की जानी चाहिए ताकि मरीज ओआरएस पोर्टल से इसे निर्बाध रूप से प्राप्त कर सकें. एम्स के डायरेक्टर ने कंप्यूटर सुविधा विभाग को हॉस्पिटल और डायग्नोस्टिक विभाग के साथ कोर्डिनेट करने को कहा है ताकि मरीजों को परेशानी ना हो. उन्होंने सभी डायग्नोस्टिक विभागों को सलाह दी है कि वे किसी भी मरीज को किसी भी शैक्षणिक क्षेत्र और कार्यालय क्षेत्र में न भेजें.
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