नई दिल्ली: संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को साहित्य अकादमी के सबसे बड़े छह दिवसीय साहित्योत्सव का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें समाज में एक ऐसी सकारात्मकता पैदा करनी है, जिससे हमारा देश विकासशील की जगह विकसित राष्ट्र की पदवी पा सके. उन्होंने कबीर, गुरु नानक व तिरुवल्लुवर का उदाहरण देते हुए कहा कि ये संत केवल कवि नहीं बल्कि बड़ी सोच और व्यापक दृष्टि के साहित्यकार थे. जिन्होंने हमें प्रकृति से प्यार करना सिखाया.
उन्होंने अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी कला और साहित्यिक संस्थानों को समाज में रचनात्मक और सकारात्मक परिवेश बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए. मेघवाल ने जी 20 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी थीम भारतीय संस्कृति और परंपरा अर्थात तीन सिद्धांतों ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ पर आधारित है. ऐसे बड़े आयोजनों से ही हम अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं. इस वार्षिक प्रदर्शिनी में चित्रों तथा लेखों के विवरण से विगत वर्ष की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया था.
पहले दिन ऐसा रहा कार्यक्रम
कमानी सभागार में शाम साढ़े पांच बजे आयोजित हुए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 अर्पण समारोह से पहले रवींद्र भवन परिसर में पुरस्कृत रचनाकारों के साथ दर्शक रूबरू हुए. इसके अलावा युवा साहिती, बहुभाषी कवि सम्मिलन, अस्मिता, बहुभाषी कहानी-पाठ एवं पूर्वोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रख्यात लेखक मसलन भुचुंग डी. सोनम, मृत्युंजय सिंह, के. श्रीलता, वाईडी. थोंगछी, के. जयकुमार, रामकुमार मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में अनेक रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं.
साहित्य अकादमी को मिला नया अध्यक्ष
साहित्य अकादमी को नया अध्यक्ष भी मिल गया है. पुरस्कार अर्पण समारोह की अध्यक्षता नए अध्यक्ष माधव कौशिक ने की और समापन वक्तव्य नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि जाने-माने अंग्रेजी लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी थे.