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बच्चों के लिए लाइब्रेरी तैयार कर रही साहित्य अकादमी, जानें क्या मिलेंगी सुविधाएं

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Published : Sep 1, 2021, 10:07 PM IST

ऐसे में बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ाने और साहित्य से जोड़ने के लिए अकादेमी जल्द ही दिल्ली के मंडी हाउस स्थित साहित्य अकादेमी की लाइब्रेरी में ही बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी तैयार करवा रही है. के श्रीनिवास राव ने बताया कि बच्चों के लिए इस लाइब्रेरी में बाल साहित्य से लेकर 24 भाषाओं में अलग-अलग किताबें होंगी, जहां पर बच्चे किताबें पढ़ सकेंगे.

Sahitya Akademi preparing a separate library for children in delhi
बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी तैयार कर रही साहित्य अकादेमी

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी दिल्ली में बच्चों के लिए खास तौर पर लाइब्रेरी खोलने जा रही है, जहां पर बच्चे बाल साहित्य पढ़ सकेंगे. राजधानी दिल्ली में साहित्य अकादमी की एक लाइब्रेरी है, जहां पर पीएचडी स्कॉलर और अन्य छात्रों के लिए हर एक प्रकार के साहित्य से जुड़ी 24 भाषाओं में किताबें उपलब्ध हैं, लेकिन बच्चों के लिए अलग से कोई भी लाइब्रेरी मौजूद नहीं है.

बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी तैयार कर रही साहित्य अकादेमी
साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि स्कूलों में बच्चों के लिए लाइब्रेरी होती है, लेकिन अन्य जगहों पर बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी की कोई सुविधा नहीं होती, ऐसे में बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ाने और साहित्य से जोड़ने के लिए अकादेमी जल्द ही दिल्ली के मंडी हाउस स्थित साहित्य अकादेमी की लाइब्रेरी में ही बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी तैयार करवा रही है. के श्रीनिवास राव ने बताया कि बच्चों के लिए इस लाइब्रेरी में बाल साहित्य से लेकर 24 भाषाओं में अलग-अलग किताबें रखी जाएंगी, जहां पर बच्चे आराम से बैठकर किताबें पढ़ सकेंगे. साथ ही जारी भी करवा सकेंगे. उन्होंने बताया कि साहित्य अकादेमी में कई पुरानी ऐतिहासिक और दुर्लभ किताबें मौजूद हैं, जो शायद ही कहीं और उपलब्ध हो पाती हैं.

इसके लिए पाठक साहित्य अकादमी में न केवल दिल्ली बल्कि दूसरे राज्यों से भी आते हैं और इस वक्त अकादमी की लाइब्रेरी में दो लाख से ज्यादा किताबें हैं और इसी लाइब्रेरी के भीतर बच्चों की लाइब्रेरी के लिए एक जगह तैयार की जा रही है, जहां पर बच्चे किताबे पढ़ सकेंगे.

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी दिल्ली में बच्चों के लिए खास तौर पर लाइब्रेरी खोलने जा रही है, जहां पर बच्चे बाल साहित्य पढ़ सकेंगे. राजधानी दिल्ली में साहित्य अकादमी की एक लाइब्रेरी है, जहां पर पीएचडी स्कॉलर और अन्य छात्रों के लिए हर एक प्रकार के साहित्य से जुड़ी 24 भाषाओं में किताबें उपलब्ध हैं, लेकिन बच्चों के लिए अलग से कोई भी लाइब्रेरी मौजूद नहीं है.

बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी तैयार कर रही साहित्य अकादेमी
साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि स्कूलों में बच्चों के लिए लाइब्रेरी होती है, लेकिन अन्य जगहों पर बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी की कोई सुविधा नहीं होती, ऐसे में बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ाने और साहित्य से जोड़ने के लिए अकादेमी जल्द ही दिल्ली के मंडी हाउस स्थित साहित्य अकादेमी की लाइब्रेरी में ही बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी तैयार करवा रही है. के श्रीनिवास राव ने बताया कि बच्चों के लिए इस लाइब्रेरी में बाल साहित्य से लेकर 24 भाषाओं में अलग-अलग किताबें रखी जाएंगी, जहां पर बच्चे आराम से बैठकर किताबें पढ़ सकेंगे. साथ ही जारी भी करवा सकेंगे. उन्होंने बताया कि साहित्य अकादेमी में कई पुरानी ऐतिहासिक और दुर्लभ किताबें मौजूद हैं, जो शायद ही कहीं और उपलब्ध हो पाती हैं.

इसके लिए पाठक साहित्य अकादमी में न केवल दिल्ली बल्कि दूसरे राज्यों से भी आते हैं और इस वक्त अकादमी की लाइब्रेरी में दो लाख से ज्यादा किताबें हैं और इसी लाइब्रेरी के भीतर बच्चों की लाइब्रेरी के लिए एक जगह तैयार की जा रही है, जहां पर बच्चे किताबे पढ़ सकेंगे.

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