नई दिल्ली: साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने सोमवार को मैथिली भाषा के लिए कवयित्री संस्कृति मिश्र की कृति कहबाक अछि हमरा (कविता-संग्रह) को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2023 देने की घोषणा की. पुरस्कार का चयन निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के अनुसार त्रिसदस्यीय चयन समिति आशा मिश्र, शिव कुमार झा एवं ताराकांत झा द्वारा की गई. साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार किसी लेखक, जिसकी उम्र पुरस्कार-वर्ष में 35 वर्ष से कम हो, की पुस्तक पर दिया जाता है. पिछले दिनों घोषित युवा पुरस्कार 2023 में मैथिली भाषा के लिए पुरस्कार घोषित नहीं किया जा सका था.
वहीं, साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित पुस्तकायन पुस्तक मेले का सोमवार को चौथा दिन विशेष बच्चों के नाम रहा. बच्चे जहां प्रख्यात बाल लेखक प्रकाश मनु से मिले, वहीं उन्होंने कार्टूनिस्ट से कार्टून बनाने के गुर भी सीखे.
प्रकाश मनु ने बच्चों को बताया कि जब वह युवा अवस्था में विज्ञान के विद्यार्थी थे तभी तय कर लिया था कि साहित्यकार ही बनूँगा. अपनी माँ और नानी की सुनाई कहानियों को याद कर उन्होंने कहा कि उन कहानियों के नायकों के सुख-दुख में पूरी तरह शामिल हो जाता था. कई दिन उनके ही समान स्वयं को महसूस करता था. अधकू चरित्र पर लिखी कहानी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि यह कहीं न कहीं मैं ही था. मैंने उस चरित्र की तरह ही आठवीं कोठरी खोलने का निश्चय किया, जिसमें ख़तरे तो बहुत थे. लेकिन उनपर विजय पाने की ख़ुशी और गर्व भी शामिल था. उन्होंने निराला, दिनकर, बालकृष्ण शर्मा आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें सबसे ज़्यादा प्रेमचंद की कहानियों ने बदला.
इसके बाद, प्रख्यात कार्टूनिस्ट एवं लेखक माधव जोशी ने बच्चों के साथ कार्टून कार्यशाला का संयोजन किया. उन्होंने बच्चों को स्थिर चित्र में गति लाने के कई तरीक़े तो बताए ही, साथ ही यह भी बताया कि कार्टून कला में माहिर होने के लिए सभी चीजों का सूक्ष्म निरीक्षण बहुत ज़रूरी है. वहीं, सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सीसीआरटी छात्रवृत्ति पा रही ओडिसी एवं भरतनाट्यम नृत्य बाल कलाकारों सोहनी महापात्र एवं अनन्या पुंजाल की प्रस्तुतियाँ हुई. कल का मुख्य आकर्षण ‘हिंदी कवि सम्मिलन’ है, जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात एवं लोकप्रिय कवि बुद्धिनाथ मिश्र करेंगे.
गौरतलब है कि साहित्य अकादमी परिसर में 9 दिसंबर 2023 तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में देश के प्रमुख हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व अन्य भारतीय भाषाओं के 40 स्टॉल लगे हैं. साथ ही अन्य 10 स्टॉलों में देश की प्रमुख साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं प्रकाशन से संबंधित संस्थाओं के प्रकाशन भी शामिल है. कुछ प्रमुख संस्थान जिनमें संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् आदि शामिल हैं. यह मेला प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 बजे से सायं 8 बजे तक खुला रहेगा.