नई दिल्ली : नॉर्थ एमसीडी में शासित बीजेपी की सरकार ने निगम चुनावों की नोटिफिकेशन से पहले आज सुबह नौ बजे निगम में अपने कार्यकाल का महत्वपूर्ण अंतिम हाउस बुलाया था, लेकिन हाउस की बैठक एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई और बिना किसी चर्चा के दर्जनों प्रस्ताव को बीजेपी की सरकार द्वारा पास कर दिए गए. हाउस में डीबीसी कर्मचारी और शराब नीति को लेकर मामला तो उठा, लेकिन शोर-शराबे और हंगामे के बीच एक बार फिर बीजेपी की सरकार ने प्रस्ताव पारित कर हाउस को स्थगित कर दिया.
दिल्ली नगर निगम के तीनों भागों को लेकर चुनावी सुगबुगाहट तेज हो गई है. आज चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस है, जिसमें दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी. इस सबके बीच आज तड़के सुबह नॉर्थ एमसीडी की बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम हाउस को नौ बजे बुलाया था. जिसकी बैठक एक घंटा देरी से शुरू हुई. बैठक की शुरुआत से ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे आम आदमी पार्टी के पार्षदों द्वारा डीबीसी कर्मचारियों के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया गया और हाउस की कार्रवाई को चलने नहीं दिया गया. मेयर के द्वारा कई बार आम आदमी पार्टी के पार्षदों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उसके बावजूद विवाद शांत नहीं हुआ. यहां तक कि कांग्रेस की नेता प्रेरणा सिंह ने भी आप नेताओं से डीबीसी कर्मचारियों के मुद्दे पर शांति से हाउस में बैठकर चर्चा करने की अपील की. लेकिन उसके बावजूद आप नेताओं का हंगामा बंद नहीं हुआ और इस हंगामे के बीच में बीजेपी की सरकार के द्वारा एक-एक करके दर्जनों प्रस्ताव बिना चर्चा के शोर-शराबे और हंगामे के बीच में पास कर दिए गए.
नॉर्थ एमसीडी के आखिरी हाउस में हुए जमकर हंगामे और शोर-शराबे के बीच कई प्रस्ताव पास कर दी गए. इस सब के बीच हाउस की बैठक पर बातचीत करते हुए मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के पार्षद हाउस को डिस्टर्ब करने के मकसद से ही आए थे. वह हाउस को चलाना नहीं चाहते थे यदि हाउस चलाने चाहते तो वह चर्चा करते. वहीं आप नेता राकेश कुमार ने बातचीत में कहा कि पिछले 15 सालों से निगम में शासित बीजेपी की सरकार दिल्ली की जनता को लूट कर खा रही है और आखिरी हाउस में भी बिना चर्चा के हाउस को स्थगित कर देना और सिर्फ प्रस्ताव पास करना दर्शाता है कि बीजेपी को दिल्ली की जनता की चिंता नहीं है. कांग्रेस दल की नेता प्रेरणा सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि आम आदमी पार्टी को न तो दिल्ली की चिंता है और न ही दिल्ली के लोगों की यह लोग नॉर्थ एमसीडी के आखिरी हाउस के प्रति गंभीर नहीं थे. तभी हाउस की आखिरी बैठक में न तो नेता विपक्ष मौजूद थे और न ही आप के बड़े नेता.
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