नई दिल्ली: INX मीडिया डील मामले में पी. चिदंबरम को ईडी की हिरासत में भेजे जाने की मांग करने वाली याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट इस पर कल यानि 13 सितंबर को फैसला सुनाएगा.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हमें अभी चिदंबरम की हिरासत नहीं चाहिए. ईडी को जब हिरासत की जरुरत होगी तो वो कोर्ट में याचिका दायर करेगी. ईडी ने कहा कि ये आरोपी तय नहीं कर सकता कि कब जांच एजेंसी उसको हिरासत में ले और कैसे जांच को आगे बढ़ाएं.
जानबूझ कर हो रही साजिश-कपिल सिब्बल
चिदंबरम की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि गिरफ्तार करना चाहते हैं, तो आखिर अब क्यों नहीं हिरासत में ले रहे. कपिल सिब्बल की ओर से कहा गया कि ये सब जानबूझकर कर ऐसा किया जा रहा है. जिससे कि चिदंबरम जेल में रहे.
सिब्बल ने कहा कि अभियुक्त का कोर्ट में सरेंडर करने का हमेशा अधिकार रहता है, इसका मेहता ने विरोध करते हुए कहा कि मैं एक अन्य एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. वो मनी लान्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है. अगर कोई अभियुक्त ये तय करें कि उसे कब गिरफ्तार होना है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.
21 अगस्त को हुई थी चिदंबरम की गिरफ्तारी
बता दें कि पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उन्हें 5 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
5 सितंबर को कोर्ट ने चिदंबरम को 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले में ईडी और सीबीआई दोनों ने चिदंबरम की गिरफ्तारी की मांग की है.
15 मई 2017 को हुई थी FIR दर्ज
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.