नई दिल्ली: दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी रहे विजय नायर को डिफाल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया. विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही आरोपित की नियमित जमानत खारिज कर दी थी. इसलिए वह जमानत नहीं दे सकते.
नायर ने कहा कि अगर जांच एजेंसियों को वैधानिक जमानत के अधिकार को खत्म करने के लिए अधूरी चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दी जाती है तो आपराधिक न्यायशास्त्र का मूल ढांचा नष्ट हो जाएगा, क्योंकि कानून जांच एजेंसियों पर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने का कर्तव्य तभी लागू करता है, जब सभी मामलों में जांच पूरी हो जाती है.
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सिसोदिया के खास हैं नायरः ईडी ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि नायर के संबंध में जांच तब पूरी हो गई थी जब उसके खिलाफ पहली सप्लीमेंट्री कंप्लेंट दर्ज की गई थी. ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर नायर पर मामला दर्ज किया था. नायर को पूर्व उप मुख्यमंत्री और आबकारी घोटाले में आरोपित मनीष सिसोदिया का भी खास माना जाता है.
उल्लेखनीय है कि तीन जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने नायर सहित मनीष सिसोदिया, शराब कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली और बिनॉय बाबू की जमानत याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थीं कि जमानत देने से आरोपितों द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.