नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई को आदेश दिया कि वो आरोपियों को चार्जशीट से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं. कोर्ट इस मामले के आरोपी तेजस्वी यादव को आस्ट्रेलिया जाने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर 22 दिसंबर को सुनवाई करेगा. स्पेशल जज विशाल गोगने ने यह आदेश दिया.
बुधवार को सुनवाई के दौरान इस मामले के आरोपी लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी जैसे तेजस्वी यादव पेश नहीं हुए. उन्होंने कोर्ट में पेश नहीं होने की छूट मांगी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. बुधवार को तेजस्वी यादव की ओर से कहा गया कि छह जनवरी से शासकीय कार्यों के लिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया जाना है. इस यात्रा के लिए पासपोर्ट रिलीज करने की अनुमति दी जाए.
इससे पहले 29 नवंबर को आरोपियों की ओर से कहा गया था कि उन्होंने करीब आधे दस्तावेजों का परीक्षण किया है. चार्जशीट की ई-कॉपी और हार्ड कॉपी में एकरुपता नहीं है. ऐसे में उन्हें दस्तावेजों का परीक्षण करने के लिए 15 दिन से ज्यादा का समय चाहिए. इस मामले में कोर्ट ने चार अक्टूबर को बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी.
कोर्ट ने तेजस्वी यादव को पचास हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. वहीं दूसरी चार्जशीट की बात करें तो कोर्ट ने 22 सितंबर को सीबीआई द्वारा इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट में बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है. बता दें कि रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था.
दरअसल भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. रेलवे भर्ती घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. इसका काम भोला यादव को सौंपा गया था.
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भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. बता दें कि सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में सीबीआई ने 23 सितंबर को प्रारंभिक जांच दर्ज किया था.
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