नई दिल्ली: दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष न्यायमूर्ति उमेश कुमार होंगे. राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति उमेश कुमार को बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. यह नियुक्ति न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव (मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय) के बाद आती है, जिन्हें दिल्ली सरकार द्वारा डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किया गया था. उन्होंने डीईआरसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने में असमर्थता व्यक्त की थी और पारिवारिक कारणों का हवाला दिया था.
दिल्ली विद्युत अधिनियम 2003 के तहत आयोग का अध्यक्ष और सदस्य 5 साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो तब तक पद पर रह सकता है. आयोग में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं. अब नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद वर्ष 2023-24 के लिए बिजली की दरों की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है. अमूमन अप्रैल में नई दरें घोषित हो जाती हैं, मार्च में इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी से यह टल गया था. बिजली वितरण कंपनियां घाटे का हवाला देकर बिजली दरें बढ़ाने की मांग कर रही है. वही राजनीतिक पार्टियां, व्यापारी और अन्य उपभोक्ता बिजली बिल का बोझ कम करने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि गत मार्च में दिल्ली में बिजली की सब्सिडी को लेकर उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार के बीच मतभेद सामने आया था. समृद्ध लोगों को बिजली सब्सिडी नहीं देने के दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की सलाह को उपराज्यपाल ने कैबिनेट को फैसला लेने का निर्देश दिया था. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार से कहा है कि बिजली विभाग को डीआरसी की वैधानिक सलाह को कैबिनेट के समक्ष रखें और इस पर जल्द निर्णय लें.
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