नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्विच दिल्ली अभियान को एक महीना होने वाला है और अब दिल्ली सरकार ने इस अभियान को तेजी से जन जन तक पहुंचाने के लिए रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन से मदद मांगी है. अपील की गई है कि इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए आरडब्ल्यूए अपने-अपने क्षेत्र में तमाम लोगों को जागरूक करें.
इसको लेकर ईटीवी भारत ने कालकाजी विधानसभा के आरडब्ल्यूए प्रेजिडेंट और इलाके के अलग-अलग आरडब्लूए मेंबर से बात की. उनसे जानने की कि आखिरकार दिल्ली सरकार के इस अभियान को वो कैसे देखते हैं? और इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर उनकी क्या राय है?
इसी कड़ी में आरडब्लूए कालकाजी विधानसभा के अध्यक्ष भरत सरीन ने कहा कि दिल्ली सरकार को बधाई देना चाहेंगे कि उन्होंने इस तरीके से अभियान की शुरुआत की है. प्रदूषण के खिलाफ यह अच्छी पहल की गई है क्योंकि 80 फ़ीसदी तक राजधानी में प्रदूषण वाहनों से ही होता है. वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों से आम आदमी की जेब पर भी असर पड़ेगा क्योंकि जहां डीजल पेट्रोल के वाहन प्रति किलोमीटर ₹5 की लागत लेते हैं. वहीं इलेक्ट्रिक वाहन से प्रति किलोमीटर एक रुपए की लागत लगेगी.
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर विचार करने की जरूरत
इसके साथ ही गोविंदपुरी गली नंबर 6 के आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर डेढ़ लाख रुपए की सब्सिडी और ₹7,500 का स्क्रैप लाभ दिए जाने का भी एलान किया है. लेकिन अभी भी यह मिडिल क्लास की पहुंच से बहुत दूर है क्योंकि नॉर्मल एक इलेक्ट्रिक कार 12 से 15 लाख की है जो मिडिल क्लास के लिए लेना काफी मुश्किल है.
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मिडिल क्लास की पहुंच से दूर हैं इलेक्ट्रिक वाहन
इसके साथ ही गोविंदपुरी निवासी रवि भोगल ने कहा कि मिडिल क्लास की पहुंच से इलेक्ट्रिक वाहन काफी दूर हैं. सरकार को इनकी कीमतों पर विचार करने की आवश्यकता है तभी राजधानी दिल्ली में स्विच दिल्ली अभियान सफल हो सकता है.
इसके साथ ही आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष भरत सरीन ने आगे कहा कि इस अभियान को जन जन तक पहुंचाने के लिए हर एक गली मोहल्ले में सभाएं की जाएंगी. युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस अभियान से जोड़ने की आवश्यकता है. इसके अलावा चार पहिया वाहन से ज्यादा दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.