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MCD Election 2022 : नामांकन के बाद मैदान में उतरे प्रत्याशियों को 'अपनों' से ही खतरा

दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के लिए टिकट बंटवारे के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी में कार्यकर्ताओं में जमकर नाराजगी (Resentment of workers in AAP and BJP) है. इस कारण पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सड़क से लेकर निगम वार्ड तक अपनी आवाज उठाने में जुटे हैं.

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Published : Nov 14, 2022, 8:40 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के लिए टिकट बंटवारे के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी में कार्यकर्ताओं की नाराजगी (Resentment of workers in AAP and BJP) जारी है. टिकट पाने वाले प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ नामांकन में दिनभर जुटे रहे, तो जो टिकट से वंचित रह गए वह क्षेत्र में इस बात का शोर मचा रहे हैं कि उन्हें टिकट देने का आश्वासन मिला था. उन्होंने सारी औपचारिकताएं तक पूरी कर दी, बावजूद टिकट नहीं मिला. एक तरह से यह पार्टी द्वारा दिया गया धोखा है और वह पार्टी कार्यालय से लेकर सड़क और अब निगम वार्ड तक में अपनी आवाज को मुखर कर रहे हैं.

निगम चुनाव के लिए आज नामांकन का अंतिम दिन है. इसके बाद प्रत्याशी अपने-अपने निगम वार्ड में चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. वे मतदाताओं से वोट देने की अपील करेंगे लेकिन जिस तरह आम आदमी पार्टी और बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष है, इससे होने वाले नुकसान के लिए अलग-अलग तरीके से उन्हें जतन करना पड़ेगा, यह बात प्रत्याशी खुद भी मान रहे हैं.

दिल्ली नगर निगम चुनाव में टिकट न मिलने को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद असंतोष के स्वर मुखर हो गए हैं. ऐसे में एमसीडी चुनाव 2022 में चौथी बार ऐतिहासिक जीत हासिल करने की राह में भाजपा के अपने ही खलनायक बन सकते हैं.

दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव टीना शर्मा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि इन महिलाओं को टिकट देने का आधार क्या था? महिला मोर्चा की महासचिव होने के नाते मैं यह पूछना चाहती हूं. वीडियो में उन्होंने महिला मोर्चा अध्यक्ष और एक अन्य महासचिव को दिए गए टिकट पर सवाल उठाया. उसने यह भी आरोप लगाया कि जिला और राज्य इकाइयों द्वारा उसके नाम की सिफारिश किए जाने के बावजूद उसे एंड्रयूज गंज से टिकट नहीं दिया गया. सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से उनके संसदीय क्षेत्रों के तहत कई वार्डों के टिकटों के वितरण में उनकी सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया, उससे कुछ भाजपा सांसद भी खुश नहीं थे.

भाजपा ने निगम की 250 सीटों के लिए शनिवार रात को पहली सूची जारी की थी, उसके कुछ घंटे बाद ही प्रदेश भाजपा कार्यालय पर सैकड़ों की तादात में नाराज कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने लगे. यह सिलसिला रविवार को दिनभर चला. नतीजा रहा कि प्रत्याशियों को नामांकन पर्चा दाखिल करने के लिए रविवार दिनभर सिंबल (पार्टी का टिकट) नहीं मिल सका, देर रात वे सिंबल लेकर गए. हालांकि इस पर भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि चुनाव मैदान में प्रत्याशी उतारने का फैसला काफी सोच समझकर लिया जाता है. नाराज कार्यकर्ताओं को पार्टी मना लेगी.

आम आदमी पार्टी में टिकट को लेकर बगावत पहली बार पार्टी कार्यालय, क्षेत्र में और सड़कों पर दिखाई दिया. एमसीडी चुनाव में आप के सामने बागियों से निपटने की चुनौती है. दरअसल, टिकट कटने से नाराज कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी को भितरघात का डर भी सता रहा है. रविवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद हसीब उल हसन टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर टावर पर चढ़ गए थे, इतना ही नहीं टॉवर पर चढ़ने के बाद पूर्व पार्षद हसीब उल हसन ने आप नेताओं पर रिश्वत लेने का आरोप लगाए और कूदने की धमकी देने लगे.

दिल्ली के अलग-अलग ईलाकों में पार्टी कार्यकर्ता शीर्ष नेताओं व निगम चुनाव प्रभारी को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाते रहे. इस संबंध में पार्टी के निगम चुनाव के प्रभारी दुर्गेश पाठक कहते हैं कि सभी 250 सीटों के लिए टिकट देने का निर्णय पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी की बैठक में लिया गया. क्षेत्र में जो जुझारू कार्यकर्ता थे उन्हें टिकट दिया गया है. जो नाराज हैं उन्हें समझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोमवार को रोहिणी वार्ड अध्यक्ष के साथ पूरी भाजपा की टीम आप में शामिल हुई है. इसी से समझा जा सकता है कि पलड़ा किसका भारी है.

ये भी पढ़ेंः MCD Election 2022: नामांकन का अंतिम दिन आज, 68 केंद्रों पर एक हज़ार से अधिक प्रत्याशी भरेंगे पर्चा

बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है. 16 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. 19 नवंबर तक लोग नामांकन पत्र वापस ले सकेंगे. एकीकृत नगर निगम के चुनाव चार दिसंबर और मतगणना सात दिसंबर को होगी.

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के लिए टिकट बंटवारे के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी में कार्यकर्ताओं की नाराजगी (Resentment of workers in AAP and BJP) जारी है. टिकट पाने वाले प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ नामांकन में दिनभर जुटे रहे, तो जो टिकट से वंचित रह गए वह क्षेत्र में इस बात का शोर मचा रहे हैं कि उन्हें टिकट देने का आश्वासन मिला था. उन्होंने सारी औपचारिकताएं तक पूरी कर दी, बावजूद टिकट नहीं मिला. एक तरह से यह पार्टी द्वारा दिया गया धोखा है और वह पार्टी कार्यालय से लेकर सड़क और अब निगम वार्ड तक में अपनी आवाज को मुखर कर रहे हैं.

निगम चुनाव के लिए आज नामांकन का अंतिम दिन है. इसके बाद प्रत्याशी अपने-अपने निगम वार्ड में चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. वे मतदाताओं से वोट देने की अपील करेंगे लेकिन जिस तरह आम आदमी पार्टी और बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष है, इससे होने वाले नुकसान के लिए अलग-अलग तरीके से उन्हें जतन करना पड़ेगा, यह बात प्रत्याशी खुद भी मान रहे हैं.

दिल्ली नगर निगम चुनाव में टिकट न मिलने को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद असंतोष के स्वर मुखर हो गए हैं. ऐसे में एमसीडी चुनाव 2022 में चौथी बार ऐतिहासिक जीत हासिल करने की राह में भाजपा के अपने ही खलनायक बन सकते हैं.

दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव टीना शर्मा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि इन महिलाओं को टिकट देने का आधार क्या था? महिला मोर्चा की महासचिव होने के नाते मैं यह पूछना चाहती हूं. वीडियो में उन्होंने महिला मोर्चा अध्यक्ष और एक अन्य महासचिव को दिए गए टिकट पर सवाल उठाया. उसने यह भी आरोप लगाया कि जिला और राज्य इकाइयों द्वारा उसके नाम की सिफारिश किए जाने के बावजूद उसे एंड्रयूज गंज से टिकट नहीं दिया गया. सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से उनके संसदीय क्षेत्रों के तहत कई वार्डों के टिकटों के वितरण में उनकी सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया, उससे कुछ भाजपा सांसद भी खुश नहीं थे.

भाजपा ने निगम की 250 सीटों के लिए शनिवार रात को पहली सूची जारी की थी, उसके कुछ घंटे बाद ही प्रदेश भाजपा कार्यालय पर सैकड़ों की तादात में नाराज कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने लगे. यह सिलसिला रविवार को दिनभर चला. नतीजा रहा कि प्रत्याशियों को नामांकन पर्चा दाखिल करने के लिए रविवार दिनभर सिंबल (पार्टी का टिकट) नहीं मिल सका, देर रात वे सिंबल लेकर गए. हालांकि इस पर भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि चुनाव मैदान में प्रत्याशी उतारने का फैसला काफी सोच समझकर लिया जाता है. नाराज कार्यकर्ताओं को पार्टी मना लेगी.

आम आदमी पार्टी में टिकट को लेकर बगावत पहली बार पार्टी कार्यालय, क्षेत्र में और सड़कों पर दिखाई दिया. एमसीडी चुनाव में आप के सामने बागियों से निपटने की चुनौती है. दरअसल, टिकट कटने से नाराज कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी को भितरघात का डर भी सता रहा है. रविवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद हसीब उल हसन टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर टावर पर चढ़ गए थे, इतना ही नहीं टॉवर पर चढ़ने के बाद पूर्व पार्षद हसीब उल हसन ने आप नेताओं पर रिश्वत लेने का आरोप लगाए और कूदने की धमकी देने लगे.

दिल्ली के अलग-अलग ईलाकों में पार्टी कार्यकर्ता शीर्ष नेताओं व निगम चुनाव प्रभारी को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाते रहे. इस संबंध में पार्टी के निगम चुनाव के प्रभारी दुर्गेश पाठक कहते हैं कि सभी 250 सीटों के लिए टिकट देने का निर्णय पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी की बैठक में लिया गया. क्षेत्र में जो जुझारू कार्यकर्ता थे उन्हें टिकट दिया गया है. जो नाराज हैं उन्हें समझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोमवार को रोहिणी वार्ड अध्यक्ष के साथ पूरी भाजपा की टीम आप में शामिल हुई है. इसी से समझा जा सकता है कि पलड़ा किसका भारी है.

ये भी पढ़ेंः MCD Election 2022: नामांकन का अंतिम दिन आज, 68 केंद्रों पर एक हज़ार से अधिक प्रत्याशी भरेंगे पर्चा

बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है. 16 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. 19 नवंबर तक लोग नामांकन पत्र वापस ले सकेंगे. एकीकृत नगर निगम के चुनाव चार दिसंबर और मतगणना सात दिसंबर को होगी.

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