नई दिल्ली: प्रगति मैदान में चल रहे इंटरनेशनल पुलिस एक्सपो में आंतरिक सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य के लिए लिए एक से बढ़कर एक हथियार, तकनीक और उपकरण प्रदर्शित किए गए हैं. इनमें बाढ़ और आग लगने की स्थिति में आम लोगों की जान बचाने वाले उपकरण भी शामिल हैं. इन उपकरणों का इस्तेमाल कर सिविक एजेंसियां आपात स्थिति में बिना किसी को खतरा में डाले लोगों की जान बचा सकती हैं. इसी में मानव रहित रोबोटिक बोट भी शामिल है, जो डूब रहे दो लोगों को एक साथ बचा सकती है.
बादल फटने, बाढ़ आने और समुद्र या नदी में एडवेंचर करते हुए अक्सर लोग डूब जाते हैं. पानी में डूबने से देश में हर वर्ष हजारों लोगों की मौत होती है. अगर तुरंत राहत एवं बचाव का कार्य शुरू किया जाए और डूबते लोगों तक तुरंत मदद पहुंचाई जा सके, तो उनकी जान बचाई जा सकती है. तुर्की की एक कंपनी ने ऐसी रोबोटिक बोट बनाई है, जो डूबते हुए दो लोगों की जान बचा सकती है. इसे रिमोट से चलाया जा सकता है. यह बोट छोटी और हल्की है, लेकिन 200 किलोग्राम तक वजन आसानी से उठा सकती है.
डूब रहे दो लोगों को आसानी से बचाने में बोट सक्षम
यह बोट 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 800 मीटर की दूरी पर पहुंच सकती है. छोटी होने के कारण इसे कोई एक व्यक्ति कहीं भी ले जा सकता है. रिमोट के साथ ही यह बचावकर्ता के साथ पीड़ित तक पहुंच सकती है और उसको सुरक्षित किनारे पर वापस ला सकती है. इसे विशेष रूप से भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना सहित समुद्री बचाव के लिए प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही यह बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने में भी सक्षम है. भारत में इस उपकरण को मुंबई की श्री ललिता सेफ्टी नामक कंपनी द्वारा बेचा जा रहा है. इस एक बोट की कीमत 10 लाख रुपये है. कंपनी के निदेशक हरसिल लालाजी ने बताया कि समुद्र के किनारे जिस बीच पर अभी भीड़ होती है और पर्यटक आते हैं, वहां पर इस बोट को तैनात किया जाए तो भारत में होने वाले हादसों पर लगाम लगाई जा सकती है.
पानी में फंसे व्यक्ति की सटीक सूचना देगा सोनार आधारित उपकरण
एक्सपो में प्रदर्शित किया जा रहा सोनार आधारित उपकरण पानी के अंदर 50 मीटर तक की गहराई में भी फंसे व्यक्ति या उसके शव का पता लगा सकता है. पानी की सतह पर रख कर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस उपकरण को कनाडा की कंपनी ने बनाया है. इसे भी भारत में श्री ललिता सेफ्टी नामक कंपनी द्वारा बेचा जा रहा है. इस एक डिवाइस की कीमत 10 लाख रुपए है. कंपनी के निदेशक हरसिल लालाजी ने बताया कि सोनार आधारित यह उपकरण पानी के अंदर मानव, जीव-जंतु और धातु की पहचान कर सकता है.
उन्होंने बताया कि पानी में डूब रहे मानव या उसके शव को सोनार तकनीक त्वचा की जांच से पहचान लेता है. पानी में मानव डूब रहा या फिर शव है तो उपकरण की स्क्रीन में गुणा का निशान बनेगा. यदि पानी में कोई धातु है तो उसमें गोल का निशान बनेगा. जीव-जंतु है तो उसमें अलग तरह का निशान बनेगा. अभी तक इसके कई तरह के परीक्षण किए गए हैं, जिसमें 99 प्रतिशत परिणाम सही आए हैं. आपातकालीन स्थिति में राहत एवं बचाव का काम करने वाली एजेंसियों के लिए यह डिवाइस काफी उपयोगी साबित हो सकती है.
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