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खाने का तेल सस्ता होने से जनता को राहत, महंगाई होगी कम

केन्द्र सरकार ने खाने का तेल पर अगले दो साल के लिए इंपोर्ट ड्यूटी खत्म कर दी. व्यापारी और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस फैसले से देश में इन्फ्लेशन में कमी आएगी और जीडीपी को बढ़ाने में यह असरदार साबित होगा. पढ़ें पूरी खबर....

खाने का तेल सस्ता हुआ
खाने का तेल सस्ता हुआ
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Published : May 25, 2022, 7:27 PM IST

नई दिल्ली: देश में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत इंपोर्ट किए जाने वाले खाने का तेल पर अब अगले दो साल तक इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगा. केंद्र सरकार के इस फैसले का लेकर व्यापारी वर्ग और अर्थशास्त्रियों ने स्वागत किया है. उनक कहना है कि इस फैसले से तेल के दामों में गिरावट होगी और जनता को महंगाई से भी राहत मिलेगी.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह केन्द्र सरकार का एक अच्छा फैसला है. इस तरह के निर्णय से देश में इन्फ्लेशन में कमी आएगी और जीडीपी को बढ़ाने में असरदार साबित होगा. देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक "कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और इसकी एफलिएटेड संस्था अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापार महासंघ (एबीकेवीएम) ने एक संयुक्त बयान में जारी कर कच्चे सोयाबीन और कच्चे सूरजमुखी के आयात पर सीमा शुल्क हटाने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद दिया है.

अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में वर्तमान परिस्थितियों को देखा जाए तो इन्फ्लेशन को रिड्यूस करना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. रिटेल और सीपीआई इन्फ्लेशन देश में इस समय 7.79%है, जो बीते 8 साल में अपने शिखर पर है. ऐसे में केंद्र का यह फैसला काफी अच्छा है. यह जीडीपी की ग्रोथ को बढ़ाने में यह निर्णय साबित होगा. इधर, कैट ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को एक निगरानी तंत्र तैयार करना चाहिए जिसके तहत आयातकों को शुल्क उठाने से पहले और बाद में तैयार उत्पाद की कीमत के बारे में सूचित करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो कि उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचा है.

ये भी पढ़ें: अब लोगों की रसोई में दिखने लगा महंगाई का असर

पूरे देश में लगातार बढ़ती जा रही बेलगाम महंगाई ने जहां एक तरफ आम आदमी की जेब पर ना सिर्फ अतिरिक्त भार डाला है बल्कि कमर तोड़ कर रख दी है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल केंद्र में शासित बीजेपी सरकार पर लगातार सवाल खड़े कर रहे थे. ऐसे में केंद्र सरकार महंगाई के ऊपर लगाम लगाने के लिए हाल के दिनों में कई बड़े निर्णय लिए है. ताकि आम आदमी को महंगाई से राहत मिल सके. रूस और यूक्रेन के बीच में शुरू हुए युद्ध के बाद से पूरे देश में पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स के साथ खाद्य पदार्थ और तेल के दाम आसमान छूने लगे हैं.

इससे पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम कर के लोगों को राहत दी है. साथ देश में 9 करोड़ उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर की सुविधा जिन लोगों को मिल रही उन सभी को ₹200 की सब्सिडी भी दी गई है. साथ ही अब केंद्र सरकार ने खुदरा महंगाई दर पर लगाम लगाने के मद्देनजर इंपोर्ट किए जाने वाले एडिबल ऑयल के ऊपर भी इंपोर्ट ड्यूटी को अगले 2 साल तक के लिए हटा दिया है. जिससे कि महंगाई के ऊपर कुछ हद तक काबू पाया जा सके.

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नई दिल्ली: देश में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत इंपोर्ट किए जाने वाले खाने का तेल पर अब अगले दो साल तक इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगा. केंद्र सरकार के इस फैसले का लेकर व्यापारी वर्ग और अर्थशास्त्रियों ने स्वागत किया है. उनक कहना है कि इस फैसले से तेल के दामों में गिरावट होगी और जनता को महंगाई से भी राहत मिलेगी.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह केन्द्र सरकार का एक अच्छा फैसला है. इस तरह के निर्णय से देश में इन्फ्लेशन में कमी आएगी और जीडीपी को बढ़ाने में असरदार साबित होगा. देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक "कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और इसकी एफलिएटेड संस्था अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापार महासंघ (एबीकेवीएम) ने एक संयुक्त बयान में जारी कर कच्चे सोयाबीन और कच्चे सूरजमुखी के आयात पर सीमा शुल्क हटाने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद दिया है.

अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में वर्तमान परिस्थितियों को देखा जाए तो इन्फ्लेशन को रिड्यूस करना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. रिटेल और सीपीआई इन्फ्लेशन देश में इस समय 7.79%है, जो बीते 8 साल में अपने शिखर पर है. ऐसे में केंद्र का यह फैसला काफी अच्छा है. यह जीडीपी की ग्रोथ को बढ़ाने में यह निर्णय साबित होगा. इधर, कैट ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को एक निगरानी तंत्र तैयार करना चाहिए जिसके तहत आयातकों को शुल्क उठाने से पहले और बाद में तैयार उत्पाद की कीमत के बारे में सूचित करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो कि उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचा है.

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पूरे देश में लगातार बढ़ती जा रही बेलगाम महंगाई ने जहां एक तरफ आम आदमी की जेब पर ना सिर्फ अतिरिक्त भार डाला है बल्कि कमर तोड़ कर रख दी है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल केंद्र में शासित बीजेपी सरकार पर लगातार सवाल खड़े कर रहे थे. ऐसे में केंद्र सरकार महंगाई के ऊपर लगाम लगाने के लिए हाल के दिनों में कई बड़े निर्णय लिए है. ताकि आम आदमी को महंगाई से राहत मिल सके. रूस और यूक्रेन के बीच में शुरू हुए युद्ध के बाद से पूरे देश में पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स के साथ खाद्य पदार्थ और तेल के दाम आसमान छूने लगे हैं.

इससे पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम कर के लोगों को राहत दी है. साथ देश में 9 करोड़ उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर की सुविधा जिन लोगों को मिल रही उन सभी को ₹200 की सब्सिडी भी दी गई है. साथ ही अब केंद्र सरकार ने खुदरा महंगाई दर पर लगाम लगाने के मद्देनजर इंपोर्ट किए जाने वाले एडिबल ऑयल के ऊपर भी इंपोर्ट ड्यूटी को अगले 2 साल तक के लिए हटा दिया है. जिससे कि महंगाई के ऊपर कुछ हद तक काबू पाया जा सके.

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