नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 54 लाख से अधिक ऐसी गाड़ियां है, जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो चुका है. इन गाड़ियों की वर्तमान स्थिति क्या है, दिल्ली परिवहन विभाग भी इससे अनजान है. वाहन मालिकों ने इसे स्क्रैप कराया या अभी भी इस्तेमाल कर रहे हैं इस संबंध में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है. परिवहन विभाग ने 1 जनवरी 2014 से लेकर 31 जनवरी 2023 तक 10 साल पुरानी डीजल की 446 गाड़ियां और 15 साल पुरानी पेट्रोल की 12959 गाड़ियों को जब्त किया है, जबकि 54 लाख से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो चुका है.
दिल्ली एनसीआर में पुरानी गाड़ियों के संबंध में केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी जानकारी दी. उन्होंने कहा दिल्ली में अब तक 10 और 15 साल पुरानी 54,42,267 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर 2018 के अपने एक आदेश में कहा था कि एनजीटी के 7 अप्रैल 2015 के आदेश के मुताबिक डीजल की 10 साल पुरानी और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियां नहीं चलेंगी. इस आदेश का पालन करते हुए दिल्ली सरकार ने 31 जनवरी 2023 तक 54,42,267 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया है.
बता दें कि दिल्ली सरकार की एनफोर्समेंट ब्रांच पेट्रोल की 15 साल पुरानी और डीजल की 10 साल पुरानी गाड़ियों की जांच करती है. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा के अनुसार जिन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हुआ है इसमें निजी वाहनों के साथ-साथ 80 हजार से अधिक ऐसे वाहन भी हैं जो केंद्र व राज्य सरकारों के कार्यालयों में इस्तेमाल के लिए पंजीकृत है. अब विभाग ने सरकारी विभागों के लिए पंजीकृत गाड़ियों के संबंध में एक परफॉर्मा जारी कर जानकारी मांगा है.
वहीं पुरानी गाड़ियों की पकड़ने के लिए परिवहन विभाग ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर अभियान को तेज करने का फैसला किया है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने आदेश जारी कर केंद्र व राज्य सरकार के विभाग प्रमुखों को भी ऐसी गाड़ियां जिसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है, उसे स्क्रेप करने को लेकर सर्कुलर जारी किया है. आम लोगों को भी अपनी पुरानी गाड़ियों को पंजीकृत स्क्रैप सेंटर पर स्क्रैप करने के लिए कहा है.
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मोटर वाहनों के एक्सपर्ट एसपी सिंह बताते हैं कि सड़क हादसे का मुख्य कारण वाहन है. दिल्ली में एक दिन में तकरीबन 3 लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है. यह चिंताजनक है और स्टडी रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश हादसे में पुराने वाहनों की भूमिका सामने आई है. कोर्ट के निर्देश पर विभाग के द्वारा अभियान चलाना ठीक है, लेकिन विभाग को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि निजी वाहन मालिक जिनकी गाड़ी 10 साल या 15 साल भी पुरानी हो गई है अगर वह कम चली है तो उसकी फिटनेस टेस्ट कराकर उसे अन्य राज्यों की तरह और समय के लिए चलाने की इजाजत दी जाए.
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