नई दिल्ली: चुनावी वर्ष में दिल्ली वालों पर दिल खोलकर खर्च करना केजरीवाल सरकार के लिए घाटे का सौदा हो गया है. चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में मात्र 3 दिन बचे हुए हैं. इस वर्ष दिल्ली सरकार के राजस्व वसूली में काफी कमी आई है.
जीएसटी संकलन में भी कमी
राजस्व कमी से दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है. सरकार को जीएसटी, आबकारी व रजिस्ट्रेशन शुल्क से 34,502 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. जबकि वर्ष 2019 में अभी तक 36,624 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था. जीएसटी से 23 हज़ार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है. जबकि मार्च 31 तक लक्ष्य 29 हजार करोड़ राजस्व एकत्रित करने का रखा गया था. शेष लक्ष्य को प्राप्त करना अब नामुमकिन है.
कोरोना के चलते व्यापार भी प्रभावित
कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण भी राजधानी में व्यापार प्रभावित हो गया है. उधर, दिल्ली सरकार ने 200 यूनिट फ्री बिजली, 20 हज़ार लीटर फ्री पानी, महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा योजना व फ्री वाईफाई देने की घोषणा की है. फ्री योजना के मद में खर्च होगा इतना 200 यूनिट फ्री बिजली आपूर्ति करने पर सरकार के 2820 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
जबकि पिछले वित्त वर्ष में 1700 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. 20 हज़ार लीटर फ्री पेयजल आपूर्ति पर 467 करोड़ रुपये खर्च होंगे. महिलाओं की फ्री बस यात्रा योजना पर करीब 600 करोड़ रुपये और फ्री वाईफाई योजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राजस्व में कमी होने से दिल्ली सरकार को बेहतर वित्तीय प्रबंध करने की जरूरत महसूस होगी.
बता दें कि चालू वित्त वर्ष के लिए केजरीवाल सरकार ने 60 करोड़ 60 हजार करोड़ का बजट पिछले साल पेश किया था तो अब 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार के कुल बजट अनुमान 65000 करो तय किया गया है.