नई दिल्ली: इस साल 15 अक्टूबर तक के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के साथ होने वाले सभी अपराधों में कमी आई है. महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाएं जहां 25 फीसदी कम हुई हैं तो छेड़छाड़ की घटनाओं में 30 फीसदी की कमी इस वर्ष दर्ज हुई है.
अपहरण से लेकर दहेज हत्या के मामलों में भी गिरावट देखने को मिली है. दहेज प्रताड़ना के मामलों में तो पहली बार 40 फीसदी की कमी हुई है. दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष न केवल सड़क पर बल्कि घर में भी महिलाएं बीते वर्ष के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रही हैं. इस साल इन आंकड़ों में आई कमी का सबसे बड़ा कारण कोरोना कर चलते लगाया गया लॉकडाउन है.
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 15 अक्टूबर साल 2020 तक के आंकड़े-
आंकड़े कम होने की प्रमुख वजह रहा लॉकडाउन
पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि इस वर्ष महिलाओं से हुए अपराध में कमी का सबसे बड़ा कारण लॉकडाउन रहा है. इसकी वजह से लगभग दो माह तक महिलाएं घर से बाहर नहीं निकली. ऐसे में बाहर उनके साथ होने वाले अपराधों में कमी आई. वहीं दूसरी तरफ थानों में पुलिस अधिकारी इस अवधि के दौरान कम मिलते थे.
ऑनलाइन शिकायतें ली जा रही थीं, जो काफी महिलाएं देने में असमर्थ थीं. इसकी वजह से कई महिलाएं उन तक अपनी शिकायत भी नहीं पहुंचा सकी हैं. यह सच है कि महिलाओं की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता है और वह इसके लिए तमाम प्रयास करती हैं, लेकिन इस साल आंकड़ों में जो कमी देखने को मिल रही है, उसका प्रमुख कारण अप्रैल और मई के दौरान लगा लॉकडाउन है.
महिला सुरक्षा को लेकर किये गए उपाय
- दिल्ली के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाये गए हैं ताकि महिलाएं बिना घबराएं अपनी शिकायत कर सकें.
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए हिम्मत प्लस एप बनाया गया है जिसे हजारों कैब के साथ जोड़ा गया है.
- महिला में आल वूमेन पीसीआर को शामिल किया गया है जिन्हें कैंपस एवं बाजार में तैनात किया जाता है.
- महिलाओं के लिए 24 घंटे 1090 नंबर पर हेल्पलाइन चलती है.
- महिला अपराध में गिरफ्तारी के 30 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया जाता है.
- महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण देने का काम तेज किया गया, इसमें दिल्ली पुलिस सबसे अधिक प्रशिक्षण देकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है.
- दिल्ली पुलिस में महिला जांच अधिकारियों की संख्या बढ़ाई गई है.
- महिलाओं को जागरुक करने के लिए कई तरह के अभियान पुलिस चलाती है.