नई दिल्ली: केरल सहित देश के अन्य राज्यों में कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद राजधानी दिल्ली में भी कोरोना की जांच को लेकर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद दिल्ली कोरोना ऐप पर अस्पतालों में भर्ती मरीजों का रियल टाइम डेटा अपडेट नहीं हो रहा है. इसकी वजह से दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामलों को लेकर असमंजस की स्थिति है. मौजूदा समय में कोरोना ऐप पर अलग-अलग अस्पतालों में 9 मरीज भर्ती दिखाए जा रहे हैं. लेकिन जब इन भर्ती मरीजों के बारे में अस्पताल से फोन कर कंफर्म किया गया तो कुछ अस्पतालों से यह जानकारी मिली कि उनके यहां कोरोना का कोई मरीज भर्ती नहीं है.
नजफगढ़ स्थित बीएच सलवास हॉस्पिटल में करीब 10 दिन से कोरोना के एक मरीज को कोरोना ऐप पर भर्ती बताया जा रहा है, लेकिन अस्पताल से बात करने पर पता चला कि उनके यहां कोरोना का कोई मरीज भर्ती नहीं है. इसी तरह ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल में ऐप पर कोरोना के तीन मरीज भर्ती दिखाए जा रहे हैं, लेकिन अस्पताल से बात करने पर पता चला कि उनके यहां कोरोना का सिर्फ एक ही मरीज भर्ती है. इस तरह दिल्ली कोरोना ऐप पर अस्पताल में दिखाए जा रहे हैं 9 भर्ती मरीजों में से अस्पतालों में सिर्फ 6 मरीज ही भर्ती हैं. इनमें सफदरजंग में एक, होली फैमिली में एक, सेंट स्टीफेन हॉस्पिटल में दो, इंदिरा गांधी अस्प्ताल में एक और सर गंगाराम अस्पताल में एक मरीज भर्ती है. बाकी तीन मरीजों का डाटा एप पर गलत दिखाया जा रहा है.
दिल्ली में 6157 बेड रिजर्वः सरकारी और निजी अस्पतालों में दिल्ली सरकार की ओर से पहले से ही 6157 बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते भी हैं तो फिलहाल पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हैं. कोरोना के किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती होने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
राहत की बात यह है कि दिल्ली में अभी तक कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 का कोई भी मरीज नहीं मिला है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि नए वेरिएंट के अभी तक केरल में जितने भी मामले मिले हैं उनमें से किसी मरीज में बहुत ज्यादा गंभीर संक्रमण देखने को नहीं मिला है. इसलिए इस वेरिएंट की वजह से कोरोना के मामले ज्यादा बढ़ेंगे, इसकी संभावना बहुत कम है.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अब ऐसे मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने पर उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इस जांच में ही कोरोना के वेरिएंट का पता चलता है. इस जांच की सुविधा दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल और आईएलबीएस अस्पताल में उपलब्ध है.
किसी बड़े अस्पताल में कोरोना की कितनी बेड आरक्षित:
अस्पताल का नाम | मरीजों के लिए बेड आरक्षित |
लोकनायक अस्पताल | 355 |
जीटीबी अस्पताल | 300 |
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल | 300 |
इंदिरा गांधी अस्पताल | 1241 |
बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल | 50 |
लेडी हार्डिंग अस्पताल | 516 |
राम मनोहर लोहिया अस्पताल | 405 |
सफदरजंग अस्पताल | 210 |
दीनदयाल उपाध्याय | 50 |
आचार्य भिक्षु अस्पताल | 109 |
राजन बाबू इंस्टीट्यूट | 50 |
आर्मी बेस हॉस्पिटल | 44 |
नॉर्दर्न रेलवे हॉस्पिटल | 49 |
सेंट स्टीफन हॉस्पिटल | 238 |
होली फैमिली हॉस्पिटल | 100 |
वेंकटेश्वर हॉस्पिटल | 100 |
सर गंगाराम हॉस्पिटल | 56 |
विमहंस अस्पताल | 90 |
बीएलके अस्पताल | 47 |
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सरकारी और निजी अस्पतालों में आरक्षित बेड: दिल्ली कोरोना ऐप पर दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली के 100 से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 6157 बेड आरक्षित रखे गए हैं, जिनमें से 5753 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है. वहीं, 1434 आईसीयू बेड और 964 वेंटीलेटर बेड भी इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व हैं. मौजूदा समय में सिर्फ तीन बेड पर कोरोना के मरीज हैं. बाकी 6154 बेड खाली हैं.