नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि हम दिल्ली उच्च न्यायालय के एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को दोबारा न किए जाने को लेकर दिए गए फैसले का स्वागत करते हैं. मेयर द्वारा शुक्रवार देर शाम आगामी 27 फरवरी को पुनः स्थाई समिति चुनाव की घोषणा की गई थी, जिसके खिलाफ बीजेपी की दो वरिष्ठ निगम पार्षद कमलजीत सहरावत एवं शिखा राय ने शनिवार दिल्ली उच्च न्यायालय में विशेष याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था. इस पर न्यायालय ने शनिवार दोपहर सुनवाई कर मेयर के पुनः चुनाव कराने के निर्णय पर रोक लगा कर उनसे 15 दिन में जवाब मांगा है.
कमलजीत सहरावत एवं शिखा राय ने कहा कि न्यायालय का यह पहला प्रारम्भिक निर्णय आया है, जिसने सच को स्थापित करने में हमारी मदद की है और हम न्यायालय के आभारी हैं. वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी को मनमाने ढंग से विधायिका एवं प्रशासन चलाने की आदत है और उच्च न्यायालय का यह निर्णय एक एतिहासिक निर्णय है, जिसने आम आदमी पार्टी के मनमानी निरंकुशता से नगर निगम को चलाने के प्रयास पर रोक लगी है. बीजेपी निगम पार्षद कमलजीत सहरावत एवं शिखा राय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को यह समझना होगा कि वह दिल्ली सरकार की तरह नगर निगम को मनमाने ढंग से नही चला पाएंगे, यहां उन्हें बड़े मजबूत विपक्ष को जवाब देना होगा.
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रियाः आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि कल पूरे देश ने देखा है कि कैसे बीजेपी ने मेयर शैली ओबेरॉय पर हमला किया. इन्होंने 3 बार मेयर चुनाव नहीं होने दिया, स्थाई समिति के चुनाव में एक वोट में 1-2-2 लिखा हुआ था, वो वोट अमान्य हो गया तो उसे कैसे मान्य कहा जाएगा? वहीं आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा कि हमें खुशी है कि बीजेपी ने संविधान कानून का सम्मान करने का फैसला लिया है. अभी तक बीजेपी केवल महिला मेयर पर हमला, गुंडागर्दी-मारपीट कर रही थी. हमें हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी हुई है. ये मेयर शैली ओबेरॉय के निर्णय की जीत है. बीजेपी की डिमांड थी कि कोर्ट उनके पक्ष में असंवैधानिक नतीजे को मानें. कोर्ट ने बीजेपी की बात मानने से इनकार कर दिया. अब कोर्ट मेयर, निगम अधिकारियों के निर्णय की जांच परख के अपना फैसला सुनाएगी.