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AAP के प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा- जब ट्रांजैक्शन ही नहीं हुआ, तो घोटाला कैसा - रामवीर सिंह बिधूड़ी एमसीडी घोटाला

दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को निगम किराया माफी मामले की सीबीआई जांच का प्रस्ताव पास किया, लेकिन भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जब कोई ट्रांजैक्शन ही नहीं हुआ है, तो घोटाला कैसे हुआ.

rambir singh bidhuri said on aap proposel in delhi assembly
रामवीर सिंह बिधूड़ी
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Published : Dec 18, 2020, 7:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन एमसीडी किराया माफी मामले पर चर्चा हुई. आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने इस मामले में सीबीआई जांच का संकल्प प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा, सत्ताधारी दल के तमाम विधायकों ने इसका समर्थन किया, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी इसके पक्ष में अपनी बात रखी और यह प्रस्ताव पास हो गया.

नेता प्रतिपक्ष ने केजरीवाल सरकार को घेरा

भाजपा ने किया प्रस्ताव का विरोध

लेकिन सदन में मौजूद भाजपा के सभी 8 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. खासकर अपने संबोधन में विधायक विजेंद्र गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने यह साबित करने की कोशिश की कि इस मामले में कोई ट्रांजैक्शन ही नहीं हुआ, इसलिए यह कोई घोटाला ही नहीं है. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि अगर यह घोटाले का आरोप साबित होता है, तो मैं नेता प्रतिपक्ष के अपने पद और सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा.

'अशुभ है कानूनों की प्रतियां फाड़ना'

सीएम केजरीवाल द्वारा बीते दिन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ने के मुद्दे पर बिधूड़ी ने कहा कि इसके लिए आपको खेद प्रकट करना चाहिए, यह अशुभ है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भी इसी तरह अध्यादेश की कॉपी फाड़ी थी, तब से उनका ग्राफ नीचे जा रहा है. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जिस किराए के आधार पर ये घोटाले की बात कर रहे हैं, वो किराया लिया ही नहीं जाता.

'किराया देने की बात ही नहीं'

रामवीर सिंह बिधूडी ने कहा कि 16 मार्च 2012 को दिल्ली मंत्रिमंडल ने ही यह फैसला किया था कि जब तक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय बन नहीं जाता, तब तक यह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर से संचालित होगा और इसके लिए किसी तरह का किराया देने की जरूरत नहीं होगी. केवल उसे मुख्यालय के रखरखाव के खर्च का 50 फीसदी देना होगा, जो दोनों मिलकर दे रहे हैं. बिधूड़ी ने कहा कि AAP के आरोपों के बाद इसकी जांच भी हुई है.

'दें एमसीडी का 13 हजार करोड़'

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि एनडीएमसी के कमिश्नर ने 6 अधिकारियों की एक कमेटी के जरिए इस पूरे मामले की जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट 14 दिसंबर को आ चुकी है. उसमें कहा गया है कि किसी तरह का घोटाला नहीं हुआ है. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने उल्टा केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द से जल्द एमसीडी का बकाया 13 हजार करोड़ देना चाहिए और जल्द से जल्द धरनारत निगम नेताओं से मुलाकात करनी चाहिए.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन एमसीडी किराया माफी मामले पर चर्चा हुई. आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने इस मामले में सीबीआई जांच का संकल्प प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा, सत्ताधारी दल के तमाम विधायकों ने इसका समर्थन किया, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी इसके पक्ष में अपनी बात रखी और यह प्रस्ताव पास हो गया.

नेता प्रतिपक्ष ने केजरीवाल सरकार को घेरा

भाजपा ने किया प्रस्ताव का विरोध

लेकिन सदन में मौजूद भाजपा के सभी 8 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. खासकर अपने संबोधन में विधायक विजेंद्र गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने यह साबित करने की कोशिश की कि इस मामले में कोई ट्रांजैक्शन ही नहीं हुआ, इसलिए यह कोई घोटाला ही नहीं है. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि अगर यह घोटाले का आरोप साबित होता है, तो मैं नेता प्रतिपक्ष के अपने पद और सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा.

'अशुभ है कानूनों की प्रतियां फाड़ना'

सीएम केजरीवाल द्वारा बीते दिन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ने के मुद्दे पर बिधूड़ी ने कहा कि इसके लिए आपको खेद प्रकट करना चाहिए, यह अशुभ है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भी इसी तरह अध्यादेश की कॉपी फाड़ी थी, तब से उनका ग्राफ नीचे जा रहा है. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जिस किराए के आधार पर ये घोटाले की बात कर रहे हैं, वो किराया लिया ही नहीं जाता.

'किराया देने की बात ही नहीं'

रामवीर सिंह बिधूडी ने कहा कि 16 मार्च 2012 को दिल्ली मंत्रिमंडल ने ही यह फैसला किया था कि जब तक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय बन नहीं जाता, तब तक यह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर से संचालित होगा और इसके लिए किसी तरह का किराया देने की जरूरत नहीं होगी. केवल उसे मुख्यालय के रखरखाव के खर्च का 50 फीसदी देना होगा, जो दोनों मिलकर दे रहे हैं. बिधूड़ी ने कहा कि AAP के आरोपों के बाद इसकी जांच भी हुई है.

'दें एमसीडी का 13 हजार करोड़'

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि एनडीएमसी के कमिश्नर ने 6 अधिकारियों की एक कमेटी के जरिए इस पूरे मामले की जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट 14 दिसंबर को आ चुकी है. उसमें कहा गया है कि किसी तरह का घोटाला नहीं हुआ है. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने उल्टा केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द से जल्द एमसीडी का बकाया 13 हजार करोड़ देना चाहिए और जल्द से जल्द धरनारत निगम नेताओं से मुलाकात करनी चाहिए.

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