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'राशन की डोर स्टेप डिलीवरी' योजना के नाम पर नेता विपक्ष ने उठाया सवाल - गरीबों को मुफ्त राशन

केजरीवाल सरकार की महत्वकांक्षी योजना में शुमार राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को कैबिनेट में मंजूरी दी है. दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने स्वयं इस योजना को विस्तार से बताया और कहा कि 6 महीने में इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा. लेकिन इस पूरी योजना पर विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

ramvir Singh bidhuri
नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी
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Published : Jul 23, 2020, 5:42 PM IST

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने अपनी महत्वकांक्षी योजना में शुमार राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को कैबिनेट में मंजूरी दी है. लेकिन इस पूरी योजना पर विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

नेता विपक्ष करेंगे एलजी से शिकायत

उनका कहना है कि जिस राशन की डोर स्टेप डिलीवरी केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता में करेगी वो राशन केंद्र सरकार दे रही है, और ऐसे में वो योजना का नाम "मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना" कैसे रख सकते हैं?. बता दें कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने स्वयं इस योजना को विस्तार से बताया और कहा कि 6 महीने में इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा.

खास बातचीत में बोले बिधूड़ी

ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस मसले पर नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 मई को दिल्ली सरकार को उन गरीबों को राशन देने के निर्देश दिए थे, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. बावजूद दिल्ली सरकार ने उसकी सुध नहीं ली. कोरोना महामारी के चलते गरीबों को काफी दिक्कतें हो रही है.

'योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ही उचित'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिल्ली के 72 लाख गरीब लोगों को प्रतिमाह 8 किलो गेहूं, 2 किलो चावल और 1 किलो दाल मुफ्त उपलब्ध करवा रही है. इसके अलावा अंत्योदय अन्न योजना के तहत आने वाले परिवारों को प्रतिमाह 1 किलो चीनी भी दी जा रही है.

उनका कहना है कि इन योजनाओं पर केंद्र सरकार प्रतिमाह करीब 300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इसमें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का कोई योगदान नहीं है. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना" का नाम बदलकर "मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना" नहीं कर सकती. ये सरासर गलत है.



'नाम में बदलाव बर्दाश्त नहीं'

बिधूड़ी ने कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना है, यही रहेगा. इसमें किसी भी बदलाव को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.



गृहमंत्री और उपराज्यपाल से करेंगे शिकायत

नेता विपक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा राशन वितरण की योजना को अपने नाम पर करने की शिकायत उपराज्यपाल के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी करेंगे और मांग करेंगे कि वे इस योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ही रखें.


बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के बाद कहा कि अब दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू हो जाएगी. राशन लेने के लिए किसी को दुकान पर लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी. राशन उनके घर पर पहुंच जाया करेगा और इसे मूर्त रूप देने में 6 महीने के समय लगेंगे. इस पर भी बीजेपी नेताओं ने कहा था कि यह बात पिछले 2 साल में तीन बार मुख्यमंत्री कह चुके हैं और वह करने में सक्षम नहीं हो पाए.

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने अपनी महत्वकांक्षी योजना में शुमार राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को कैबिनेट में मंजूरी दी है. लेकिन इस पूरी योजना पर विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

नेता विपक्ष करेंगे एलजी से शिकायत

उनका कहना है कि जिस राशन की डोर स्टेप डिलीवरी केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता में करेगी वो राशन केंद्र सरकार दे रही है, और ऐसे में वो योजना का नाम "मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना" कैसे रख सकते हैं?. बता दें कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने स्वयं इस योजना को विस्तार से बताया और कहा कि 6 महीने में इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा.

खास बातचीत में बोले बिधूड़ी

ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस मसले पर नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 मई को दिल्ली सरकार को उन गरीबों को राशन देने के निर्देश दिए थे, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. बावजूद दिल्ली सरकार ने उसकी सुध नहीं ली. कोरोना महामारी के चलते गरीबों को काफी दिक्कतें हो रही है.

'योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ही उचित'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिल्ली के 72 लाख गरीब लोगों को प्रतिमाह 8 किलो गेहूं, 2 किलो चावल और 1 किलो दाल मुफ्त उपलब्ध करवा रही है. इसके अलावा अंत्योदय अन्न योजना के तहत आने वाले परिवारों को प्रतिमाह 1 किलो चीनी भी दी जा रही है.

उनका कहना है कि इन योजनाओं पर केंद्र सरकार प्रतिमाह करीब 300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इसमें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का कोई योगदान नहीं है. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना" का नाम बदलकर "मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना" नहीं कर सकती. ये सरासर गलत है.



'नाम में बदलाव बर्दाश्त नहीं'

बिधूड़ी ने कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना है, यही रहेगा. इसमें किसी भी बदलाव को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.



गृहमंत्री और उपराज्यपाल से करेंगे शिकायत

नेता विपक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा राशन वितरण की योजना को अपने नाम पर करने की शिकायत उपराज्यपाल के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी करेंगे और मांग करेंगे कि वे इस योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ही रखें.


बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के बाद कहा कि अब दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू हो जाएगी. राशन लेने के लिए किसी को दुकान पर लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी. राशन उनके घर पर पहुंच जाया करेगा और इसे मूर्त रूप देने में 6 महीने के समय लगेंगे. इस पर भी बीजेपी नेताओं ने कहा था कि यह बात पिछले 2 साल में तीन बार मुख्यमंत्री कह चुके हैं और वह करने में सक्षम नहीं हो पाए.

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