नई दिल्लीः कोरोना काल में एक तरफ जहां राजधानी के सरकारी अस्पतालों के बदहाली की कहानियां सुर्खियां बन रही थीं, वहीं दिल्ली सरकार का एक अस्पताल ऐसा भी था जो पेशेंट केयर की दिशा में एक नई लकीर खिंच रहा था. ये अस्पताल कोई और नहीं बल्कि तहीरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है.
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने कोरोना के इलाज में कई मिशाल कायम किए हैं. उदाहरण के तौर पर जब अन्य बड़े और नामी सरकारी अस्पतालों में मरीजों का मृत्यु दर 80 प्रतिशत तक जा रहा था, तब इस अस्पताल में यह दर केवल 6 प्रतिशत था.
मरीजों को दिया जाता है जरुरत का सामान
जब अन्य अस्पतालों में अव्यवस्था की खबरें आ रही थीं, तब इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए उन्हें एक बाल्टी, मग, बेडशीट, तौलिया, टूथ ब्रश, पेस्ट और साबुन जैसे जरूरत का सामान दिया जा रहा था, जो अब भी जारी है. ताकि अस्पताल में रहने के दौरान मरीज को किसी भी तरह की परेशानी न हो.
गुलदस्ता देकर किया जाता है विदा
अस्पताल में रहने के दौरान मरीज अपनों से दूर रह कर अकेलापन महसूस न करे, इसके लिए अस्पताल में वीडियो कॉलिंग की सुविधा है. मरीज अकेले कमरे में पड़ा पड़ा बोर न हो जाए, इसलिए कैरमबोर्ड, शतरंज, लूडो जैसे खेलने की सुविधा भी है. इसके अलावा जब मरीज 11 वें दिन अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जाता है, तब उसे अस्पताल से फूलों का गुलदस्ता देकर विदा किया जाता है. सबसे खास बात ये है कि इसमें अस्पताल का एक भी पैसा खर्च नहीं किया जाता है. अस्पताल से जो लोग डिस्चार्ज होकर गए हैं और वे अस्पताल या मरीजों के लिए कुछ करना चाहते हैं. ये सब उनके द्वारा दिए गए डोनेशन से होता है.