नई दिल्ली: उत्तर भारत में हर साल की तरह इस साल भी कोहरा देखने को मिल रहा है. घने कोहरे के चलते हर बार रेल यातायात बाधित होता है और गाड़ियों की पंक्चुअलिटी खराब होती है. इस बार ऐसा न हो इसीलिए उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने खास तैयारियां की हैं. कुल 16 बिंदुओं की प्लानिंग की गई है, जिसे लागू भी कर दिया गया है. मंडल के ऑपरेशनल और मैकेनिकल विभाग में तकनीक और प्लानिंग के गठजोड़ से कुछ नए कदम भी उठाए हैं. कहा जा रहा है कि तकनीकी एडवांसमेंट के बाद इसका सीधा फायदा रेल यात्रियों को मिलेगा.
ये हैं रेलवे के 16 खास बिंदु
● फोग सेफ्टी डिवाइस- हर साल की तरह इस साल भी सॉन्ग सेफ्टी डिवाइस का इस्तेमाल हो रहा है. इस डिवाइस की मदद से लोको पायलट को आगे आने वाले तीन सिग्नल की लोकेशन पहले ही पता चल जाती है. घने कोहरे के दौरान सिग्नल लोकेट करने में इससे मदद मिलती है. मौजूदा समय में दिल्ली मंडल के पास 1083 चौक सेफ्टी डिवाइस मौजूद हैं जिन्हें सभी लोकोमोटिव को दिया गया है.
● ऑटोमेटिक सेक्शंस पर मॉडिफाइड ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम अप्लाई किया गया है जिसके चलते एक ब्लॉक पर सिर्फ दो ट्रेनें चल सकती हैं.
● पटरियों पर डेटोनेटर का इस्तेमाल किया जाएगा.
● वार्निंग बोर्ड को नए सिरे से रेट्रोरिफ्लेक्टिव पेंट के साथ रंगा गया है ताकि दूर से यह दिख सकें.
● फोक सिग्नल पोस्ट और महत्वपूर्ण लेवल क्रॉसिंग गेटों पर पीले और काले लुमिनस स्ट्रिप लगाए गए हैं.
● सभी एसएलआर डिब्बों पर एलइडी फ्लैश लाइट लगाई गई हैं.
● स्टॉप सिग्नल से पहले सिगमा बोर्ड लगाए गए हैं.
● VTO लोकेशन स्टेशन मास्टर के कक्ष से दिख सकेंगी.
● स्टाफ को फोग सिग्नल के विषय में एडवांस ट्रेनिंग दी गई है.
● सभी सिग्नलों को साफ किया गया है.
● नाइट फुट प्लेटिंग की योजना बनाई गई है.
● काउंसलिंग के बाद सभी गार्ड को सर्टिफिकेट दिए गए हैं.
● मॉडिफाइड सेक्शंस पर रेल परिचालन के लिए लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को स्पेशल काउंसलिंग दी गई है.
● इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव पर भी खास ध्यान दिया गया है.
● फ्रंटलाइन स्टाफ को सर्कुलर और ड्राइव्स के माध्यम से भी काउंसिल किया जा रहा है.
● स्पीड रिस्ट्रिक्शन लागू करना
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दिल्ली मंडल के अधिकारियों से मिली इस जानकारी के मुताबिक दावा किया जा रहा है कि अबकी बार रेलगाड़ियों के परिचालन पर कोहरे का कोई असर नहीं पड़ेगा. इसके साथ ही रेलगाड़ियां बहुत कम हैं ऐसे में प्लानिंग कुछ इस तरह से की गई है कि रेल यात्रियों को कोहरे के बावजूद समस्या ना हो.