नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दिल्ली के रेलवे लाइन के किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों वालों के सिर पर डेमोलिशन की लटक रही तलवार अगले कुछ दिनों के लिए टल गई है. रेलवे ने बयान जारी करके कहा है कि वो शहरी विकास मंत्रालय और राज्य सरकार के साथ प्रक्रिया पर मंथन के दौर में है और जब तक इस पर सभी पक्षों की सहमति से कोई नीति तय नहीं होती तब तक रेलवे किसी भी निर्माण को नहीं तोड़ेगा.
तीन महीने में होगा कचरा साफ
रेलवे ने गेंद अब मंत्रालय और सरकार के पाले में डाल कर फिलहाल तो तोहमत का ठीकरा अपने ऊपर फूटने से बचा लिया है, लेकिन इसने कोर्ट के आदेशों की पूरी तरह अवहेलना भी ना हो, इसके लिए रेलवे ने लाइनों के किनारे से कचरा हटाने का काम शुरू कर दिया है. रेलवे ने कोर्ट को वादा किया है अगले तीन महीने में दिल्ली की सभी रेलवे लाइन कचरा मुक्त हो जाएंगे. रेलवे ने यही बयान कांग्रेस नेता अजय माकन की याचिका मामले में भी दी है.