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Saket Court Firing: कोर्ट परिसर में सुरक्षा को लेकर उठे सवाल, आरोपी असलहा लेकर कैसे पहुंचा अंदर

राजधानी के साकेत कोर्ट में शुक्रवार सुबह वकील के ड्रेस में आए सस्पेंड वकील ने एक महिला वकील पर गोली चला दी है. घटना के बाद अधिवक्ताओं में रोष है और कोर्ट परिसर में सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आखिर कोर्ट में हथियार आया कैसे?

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Published : Apr 21, 2023, 3:31 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने के लिए तीन आरोपी मीडियाकर्मी के रूप में आए थे. मीडिया के कैमरे के सामने दोनों की हत्या करने के बाद आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था. यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को राजधानी के साकेत कोर्ट में वकील का ड्रेस पहनकर आए एक आरोपी ने महिला वकील पर पांच गोलियां दाग दी. जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई है. ऐसे में दिनदहाड़े महिला को गोली मारे जाने की वारदात ने राजधानी की अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है.

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वकीलों में रोष: इस वारदात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अदालत में प्रवेश के दौरान सुरक्षा जांच में सुरक्षाकर्मी किस तरह से खानापूर्ति करते हैं. एक व्यक्ति असलहा लेकर कोर्ट परिसर में पहुंचता है, वहां 5 राउंड फायरिंग करता है और सुरक्षित वापस भाग जाता है. यानी कि वारदात के बाद भी आरोपी को पकड़ने के लिए कोर्ट की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी सक्षम साबित नहीं हुए. सुरक्षा के नाम पर की जा रही इस खानापूर्ति से कोर्ट के वकीलों में भी रोष है. वकीलों का कहना है कि जब कोर्ट में वह खुद भी सुरक्षित नहीं हैं, तो अन्य लोगों को वह न्याय कैसे दिला पाएंगे.

  • LG साहिब, ये हमारी दिल्ली में क्या हो रहा है? pic.twitter.com/lpWy4NlOW7

    — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परिसर में आने-जाने वालों की नहीं हो रही जांच: साकेत कोर्ट के एडवोकेट धीर सिंह कसाना ने बताया कि कोर्ट में छह गेट हैं. यहां दो नई कोर्ट बनी हैं, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए नहीं गए हैं. उन्होंने बताया कि अधिवक्ता का स्टीकर लगाकर कोई भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में अपनी गाड़ी लेकर पहुंच जाता है और जांच में लापरवाही बरती जाती है. कुछ लोग 10 साल पुराने स्टीकर लगाकर आ रहे हैं, तो कुछ अधिवक्ताओं ने अपने जूनियर्स को स्टीकर दे रखे हैं. उन्होंने बताया कि इससे कोर्ट परिसर में वाहनों की संख्या बहुत अधिक हो गई है.पार्किंग में जाने वालों और वहां से निकलने वालों की जांच ठीक से नहीं होती है.

ठीक एक साल पहले रोहिणी कोर्ट में भी चली थी गोली: ठीक 1 साल पहले 22 अप्रैल को रोहिणी कोर्ट में गोली चलाई गई थी, तब वहां सुरक्षाकर्मी और दो वकीलों के बीच सुरक्षा जांच को लेकर बहस हो गई थी. जिसके बाद सुरक्षाकर्मी ने वकील पर गोली चला दी थी. इस वारदात में 2 वकील घायल हो गए थे. इस घटना के बाद भी कोर्ट परिसर में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी. वहीं, दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने कहा कि कोर्ट परिसर में कानून व्यवस्था का कोई इश्यू नहीं है. कोर्ट परिसर में सब कुछ सामान्य है. मामले की जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ें: Firing in Saket Court Complex: साकेत कोर्ट परिसर में महिला वकील को दिनदहाड़े मारी गोली

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने के लिए तीन आरोपी मीडियाकर्मी के रूप में आए थे. मीडिया के कैमरे के सामने दोनों की हत्या करने के बाद आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था. यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को राजधानी के साकेत कोर्ट में वकील का ड्रेस पहनकर आए एक आरोपी ने महिला वकील पर पांच गोलियां दाग दी. जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई है. ऐसे में दिनदहाड़े महिला को गोली मारे जाने की वारदात ने राजधानी की अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है.

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वकीलों में रोष: इस वारदात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अदालत में प्रवेश के दौरान सुरक्षा जांच में सुरक्षाकर्मी किस तरह से खानापूर्ति करते हैं. एक व्यक्ति असलहा लेकर कोर्ट परिसर में पहुंचता है, वहां 5 राउंड फायरिंग करता है और सुरक्षित वापस भाग जाता है. यानी कि वारदात के बाद भी आरोपी को पकड़ने के लिए कोर्ट की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी सक्षम साबित नहीं हुए. सुरक्षा के नाम पर की जा रही इस खानापूर्ति से कोर्ट के वकीलों में भी रोष है. वकीलों का कहना है कि जब कोर्ट में वह खुद भी सुरक्षित नहीं हैं, तो अन्य लोगों को वह न्याय कैसे दिला पाएंगे.

  • LG साहिब, ये हमारी दिल्ली में क्या हो रहा है? pic.twitter.com/lpWy4NlOW7

    — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परिसर में आने-जाने वालों की नहीं हो रही जांच: साकेत कोर्ट के एडवोकेट धीर सिंह कसाना ने बताया कि कोर्ट में छह गेट हैं. यहां दो नई कोर्ट बनी हैं, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए नहीं गए हैं. उन्होंने बताया कि अधिवक्ता का स्टीकर लगाकर कोई भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में अपनी गाड़ी लेकर पहुंच जाता है और जांच में लापरवाही बरती जाती है. कुछ लोग 10 साल पुराने स्टीकर लगाकर आ रहे हैं, तो कुछ अधिवक्ताओं ने अपने जूनियर्स को स्टीकर दे रखे हैं. उन्होंने बताया कि इससे कोर्ट परिसर में वाहनों की संख्या बहुत अधिक हो गई है.पार्किंग में जाने वालों और वहां से निकलने वालों की जांच ठीक से नहीं होती है.

ठीक एक साल पहले रोहिणी कोर्ट में भी चली थी गोली: ठीक 1 साल पहले 22 अप्रैल को रोहिणी कोर्ट में गोली चलाई गई थी, तब वहां सुरक्षाकर्मी और दो वकीलों के बीच सुरक्षा जांच को लेकर बहस हो गई थी. जिसके बाद सुरक्षाकर्मी ने वकील पर गोली चला दी थी. इस वारदात में 2 वकील घायल हो गए थे. इस घटना के बाद भी कोर्ट परिसर में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी. वहीं, दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने कहा कि कोर्ट परिसर में कानून व्यवस्था का कोई इश्यू नहीं है. कोर्ट परिसर में सब कुछ सामान्य है. मामले की जांच की जा रही है.

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