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दिल्ली में आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों का पांचवें दिन प्रदर्शन जारी

दिल्ली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन लगातार पांचवें दिन भी जारी है. उन्होंने कहा कि लुभाने वादे केजरीवाल सरकार ने दिखाए, लेकिन उनको पूरा नहीं किया गया.

आंगनवाड़ी महिला
आंगनवाड़ी महिला
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Published : Feb 4, 2022, 8:34 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में 31 जनवरी से शुरू हुए आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों के धरना प्रदर्शन को आज पांचवा दिन हो गया है. महिलाओं ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. उन्हें लुभाने वादे केजरीवाल सरकार ने दिखाए, लेकिन उनको पूरा नहीं किया गया. केवल गोवा और पंजाब में दिल्ली के झूठे विकास मॉडल और आंगनवाड़ीकर्मियों के झूठे बढ़ाए गए मानदेय को लेकर प्रचार किए जा रहे हैं.

महिलाओं ने कहा कि ना तो उन्हें एक साल से फोन का रिचार्ज का खर्चा दिया जा रहा है. न ही सरकार के द्वारा दिए जा रहे मानदेय से उनका घर चल पा रहा है. घर उधारी लेकर चलाना पड़ता है. 31 जनवरी को विकास भवन के बाहर सैकड़ाें की संख्या में आंगनबाड़ीकर्मी सड़क पर धरने पर बैठी हुई हैं. आरोप है कि कर्मियों का मानदेय में आखिरी बार वर्ष 2017 में वृद्धि की गई थी. इसके बाद से कोई भी वृद्धि नहीं की गई है. दिल्ली सरकार से कई बार वेतन बढ़ोत्तरी की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.

आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों का पांचवें दिन प्रदर्शन जारी


आंगनवाड़ी महिलाएं रोजाना सुबह 10 बजे विकास भवन के पास पहुंच जाती है और उसके बाद धरने पर बैठ जाती है. कैसा भी मौसम हो ठंड हो या फिर बरसात. महिलाएं शाम के चार बजे तक बैठी रहती हैं. आंगनवाड़ी महिला यूनियन की अध्यक्ष ने बताया कि वे एक टीम बनाकर गोवा और पंजाब जाएंगी जहां पर सरकार की सच्चाई लोगों के सामने लेकर आएंगे.
पांचवें दिन भी आंगनवाड़ी कर्मियों का जोश कम होता हुआ नजर नहीं आया बल्कि वह उसी अंदाज में नारे और अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करती हुई नजर आई. प्रदर्शनकारियाें ने कहा कि वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि इससे पहले भी आंगनबाड़ीकर्मियों ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. इसलिए इस बार वे अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कर रही हैं.

आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रदर्शन
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रदर्शन

ये भी पढ़ें- वेतन की मांग को लेकर EDMC मुख्यालय पर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन


प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों में जाकर झूठे बातों को लेकर वाहवाही लूट रही है और यहां हम आंगनवाड़ी महिलाएं कम पैसे में जैसे तैसे काम कर अपना घर चलाने को मजबूर हैं कोरोना काल हो, या फिर आंगनवाड़ी से जुड़े दूसरे काम सभी कामों में वह हमेशा आगे रही हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक उनके मानदेय को बढ़ाने का नहीं सोचा है.


आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों की ये हैं मांगें

1. एक अक्टूबर 2018 से लागू मानदेय वृद्धि की बकाया राशि का तुरंत भुगतान किया जाए.

2. आंगनबाड़ीकर्मियों को रिटायरमेंट की सुविधा दी जाए.

3. सहेली समन्वय केंद्र खोलने व नई शिक्षा नीति के फैसले वापस लिए जाएं.

4. आंगनबाड़ी महिलाकर्मियों के कार्य दिवस को बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाए.

5. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.

6. ईएसआई, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाए.

7. सामाजिक सुरक्षा कार्ड दिए जाएं.

8. आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखे खाने को नियमित किया जाए.

9. फोन और इंटरनेट बिल का भुगतान नियमित हाे.

10. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम रद्द की जाए.

11. पोषण ट्रैकर एप बंद किया जाए.

ये भी पढ़ें- DDA फ्लैट के लिए नहीं मिले खरीदार, अंतिम तारीख बढ़ाने पर विचार


प्रदर्शनकारी कर्मियाें ने बताया कि सरकार को उनकी जान की फिक्र नहीं है. कोरोना के समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान की फिक्र किए बिना सभी के घर जा जाकर अनाज बांटा था. सरकार ने उनके बारे में कभी नहीं सोचा. कहा कि हमारी जिम्मेदारी और महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकार मानदेय में तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी कर कार्यकर्ताओं एवं सहायिका को क्रमशः 25 हजार और 20 हजार रुपये के हिसाब से का भुगतान करें.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में 31 जनवरी से शुरू हुए आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों के धरना प्रदर्शन को आज पांचवा दिन हो गया है. महिलाओं ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. उन्हें लुभाने वादे केजरीवाल सरकार ने दिखाए, लेकिन उनको पूरा नहीं किया गया. केवल गोवा और पंजाब में दिल्ली के झूठे विकास मॉडल और आंगनवाड़ीकर्मियों के झूठे बढ़ाए गए मानदेय को लेकर प्रचार किए जा रहे हैं.

महिलाओं ने कहा कि ना तो उन्हें एक साल से फोन का रिचार्ज का खर्चा दिया जा रहा है. न ही सरकार के द्वारा दिए जा रहे मानदेय से उनका घर चल पा रहा है. घर उधारी लेकर चलाना पड़ता है. 31 जनवरी को विकास भवन के बाहर सैकड़ाें की संख्या में आंगनबाड़ीकर्मी सड़क पर धरने पर बैठी हुई हैं. आरोप है कि कर्मियों का मानदेय में आखिरी बार वर्ष 2017 में वृद्धि की गई थी. इसके बाद से कोई भी वृद्धि नहीं की गई है. दिल्ली सरकार से कई बार वेतन बढ़ोत्तरी की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.

आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों का पांचवें दिन प्रदर्शन जारी


आंगनवाड़ी महिलाएं रोजाना सुबह 10 बजे विकास भवन के पास पहुंच जाती है और उसके बाद धरने पर बैठ जाती है. कैसा भी मौसम हो ठंड हो या फिर बरसात. महिलाएं शाम के चार बजे तक बैठी रहती हैं. आंगनवाड़ी महिला यूनियन की अध्यक्ष ने बताया कि वे एक टीम बनाकर गोवा और पंजाब जाएंगी जहां पर सरकार की सच्चाई लोगों के सामने लेकर आएंगे.
पांचवें दिन भी आंगनवाड़ी कर्मियों का जोश कम होता हुआ नजर नहीं आया बल्कि वह उसी अंदाज में नारे और अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करती हुई नजर आई. प्रदर्शनकारियाें ने कहा कि वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि इससे पहले भी आंगनबाड़ीकर्मियों ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. इसलिए इस बार वे अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कर रही हैं.

आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रदर्शन
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रदर्शन

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प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों में जाकर झूठे बातों को लेकर वाहवाही लूट रही है और यहां हम आंगनवाड़ी महिलाएं कम पैसे में जैसे तैसे काम कर अपना घर चलाने को मजबूर हैं कोरोना काल हो, या फिर आंगनवाड़ी से जुड़े दूसरे काम सभी कामों में वह हमेशा आगे रही हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक उनके मानदेय को बढ़ाने का नहीं सोचा है.


आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों की ये हैं मांगें

1. एक अक्टूबर 2018 से लागू मानदेय वृद्धि की बकाया राशि का तुरंत भुगतान किया जाए.

2. आंगनबाड़ीकर्मियों को रिटायरमेंट की सुविधा दी जाए.

3. सहेली समन्वय केंद्र खोलने व नई शिक्षा नीति के फैसले वापस लिए जाएं.

4. आंगनबाड़ी महिलाकर्मियों के कार्य दिवस को बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाए.

5. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.

6. ईएसआई, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाए.

7. सामाजिक सुरक्षा कार्ड दिए जाएं.

8. आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखे खाने को नियमित किया जाए.

9. फोन और इंटरनेट बिल का भुगतान नियमित हाे.

10. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम रद्द की जाए.

11. पोषण ट्रैकर एप बंद किया जाए.

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प्रदर्शनकारी कर्मियाें ने बताया कि सरकार को उनकी जान की फिक्र नहीं है. कोरोना के समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान की फिक्र किए बिना सभी के घर जा जाकर अनाज बांटा था. सरकार ने उनके बारे में कभी नहीं सोचा. कहा कि हमारी जिम्मेदारी और महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकार मानदेय में तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी कर कार्यकर्ताओं एवं सहायिका को क्रमशः 25 हजार और 20 हजार रुपये के हिसाब से का भुगतान करें.

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