नई दिल्ली: भोजपुरी को भारतीय संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग को लेकर भोजपुरी जन जागरण अभियान मंच ने रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान काफी संख्या में लोग धरनास्थल पर पहुंचे और भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर नारेबाजी की. प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के अलग-अलग जिलों के लोग शामिल हुए.
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डॉ संतोष पटेल के नेतृत्व में भोजपुरी जन जागरण अभियान के द्वारा यह एकदिवसीय धरना प्रदर्शन 17 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर किया गया. बता दें कि भोजपुरी भाषा 16 देश में लगभग 25 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है. इस भाषा को मॉरीशस और नेपाल में संवैधानिक मान्यता प्राप्त है, लेकिन अभी तक इस भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है.
भोजपुरी जन जागरण अभियान के महासचिव पुष्कर कुमार ने बताया कि भोजपुरी बहुत ही पुरानी भाषा है. कुछ लोग इसको हिंदी की बोली बता कर संविधान में नहीं आने देना चाहते. भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हम लगातार साल 2015 से संसद के प्रत्येक सत्र में प्रदर्शन कर करते आ रहे हैं, इसके बावजूद सरकार अभी तक हम 25 करोड़ भोजपुरी बोलने वाले लोगों की भावना को नहीं समझ रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति महोदय से निवेदन है कि भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.
डॉक्टर संतोष पटेल ने कहा कि भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर हम कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. सरकार से विनम्र निवेदन है कि भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. बड़ी हैरानी होती है कि हमारे सांसद महोदय भी इसको विषय को नहीं उठाते. देश के ज्यादातर कॉलेजों व विश्वविद्यालय में भोजपुरी भाषा की पढ़ाई भी होती है. कई विद्वान भी भोजपुरी भाषा के प्रोफेसर हैं लेकिन आज भी हम लोग भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं.
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