नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर देशभर के शिखों की अनदेखी का आरोप लगाया है. सरना ने कहा कि दिल्ली सरकार जानबूझ कर देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई नहीं होने देना चाहती है. उन्होंने केजरीवाल सरकार से सवाल किया है कि आम आदमी पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी है जो वह दविंदर पाल सिंह भुल्लर को रिहा नहीं करना चाहती.
केजरीवाल सरकार की मंशा पर सवाल: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रोफेसर देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई की मांग पर फैसला लेने के लिए चार हफ्ते का समय और मांगा है. शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेहद शर्म की बात है कि दिल्ली सरकार अपनी वोटों के चलते एक ऐसे व्यक्ति को रिहा नहीं कर रही है. सरना की सजा पूरी हो चुकी है और अब उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. ऐसे समय में भी ऐसा फैसला दिल्ली सरकार की नीयत की पोल खोल रही है.
आम आदमी पार्टी के निशाने पर सिख: सरदार सरना ने कहा कि आम आदमी पार्टी के उत्थान में सिखों का सबसे बड़ा योगदान रहा है. सभी सिख संगठनों ने पार्टी को अपना भरपूर समर्थन दिया है. विदेशों में सिखों द्वारा आर्थिक समर्थन की बात हो या चुनाव में जमानत जब्त होने पर साथ खड़े रहना हो. जब पूरे देश में लोकसभा चुनाव में इनकी जमानत जब्त हो गई, उस समय पंजाब राज्य के लोगों ने चार संसद चुनकर भेजे, जिससे इनकी इज्जत बची. दिल्ली के बाद पंजाब में भी इनकी पार्टी की सरकार सिखों ने ही बनवाई है. इतने सब के बाद भी आम आदमी पार्टी लगातार सिखों को निशाना बना रही है. चाहे वह सिखों के धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप हो या प्रोफेसर देविंदर पाल सिंह भुल्लर जैसे सिख की रिहाई का मुद्दा हो, आप पार्टी ने हमेशा ही सिखों की खिलाफत की है.
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