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Sixth Convocation of JNU: जेएनयू के छठे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, कही ये बात

दिल्ली में शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि चरित्र निर्माण के अमूल्य अवसरों को नहीं गंवाना चाहिए. इस अवसर पर उन्होंने 948 छात्रों को पीएचडी की उपाधि मिलने पर बधाई भी दी.

President Draupadi Murmu
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Published : Mar 10, 2023, 2:17 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का शुक्रवार को छठा दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य चरित्र निर्माण भी होता है. तत्कालिक बहावों में आकर चरित्र निर्माण के अमूल्य अवसरों को कभी भी गंवाना नहीं चाहिए. जेएनयू जैसे संस्थान मानवता के लिए कार्य करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है.

उन्होंने कहा कि आज पीएचडी की डिग्री पाने वाले सभी छात्रों को मैं बधाई देती हूं. आज 948 छात्रों ने पीएचडी की उपाधि हासिल की है. मुझे बताया गया है कि यह एक प्रकार का राष्ट्रीय कीर्तिमान है. मैं इसके लिए भी जेएनयू परिवार को बहुत-बहुत बधाई देती हूं. मुझे बताया गया है कि जेएनयू को बेस्ट यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल हुआ है. यह भी बताया गया है कि जेएनयू साल 2017 से लगातार दूसरा स्थान हासिल कर रहा है. हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में जेएनयू पहला स्थान हासिल करेगा. आज खुशी की बात है कि जेएनयू में 948 पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों में पुरुषों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा है. यह सामाजिक बदलाव का मुख्य उदाहरण है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए जेएनयू में उच्च व्यवस्था है. मुझे बताया गया कि यहां महिलाएं निडर होकर रात में भी पुस्तकालय और अन्य संस्थान में जा सकती हैं.

वहीं दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, जेएनयू एक रिसर्च यूनिवर्सिटी है. उन्होंने कहा की जब मैं छात्र था तो अपने मित्रों से मिलने के लिए एक बार जेएनयू आ ही जाता था. उन्होंने कहा की जेएनयू जैसा विश्वविद्यालय देश में क्या विदेश में भी नहीं है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में चाहे कोई भी छात्र किसी भी पृष्टभूमि से आए हमें उसका आदर करना होगा. यह जिम्मेदारी जेएनयू के प्रोफेसर और सीनियर छात्रों की है. उन्होंने 948 पीएचडी डिग्री पाने वाले छात्रों से अपील की है की वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को सिद्ध करें.

उनके अलावा जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि, आज दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति जी मौजूदगी ने हमें गौरवान्वित किया है. इस अवसर पर उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मुझे जेएनयू की पहली महिला कुलपति बनाने के लिए उनका धन्यवाद. मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि जिस विजन के साथ पीएम देश को आगे ले जा रहे हैं, जेएनयू भी उसमें अपना योगदान देने के लिए वचनबद्ध है. जेएनयू में 14 स्कूल 10 स्पेशल सेंटर है. हम भारत में उच्च शिक्षा देने के लिए एकमात्र संस्थान हैं, जिसके दो छात्रों को नोबेल पुरस्कार मिला है. कुलपति ने इस दौरान, जेएनयू में बीते एक साल की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की.

यह भी पढ़ें-New Rules of JNU: जेएनयू में धरना करने पर 20 हजार का जुर्माना, हिंसा करने पर दाखिला रद्द

कुलपति ने आगे कहा कि, यह हमारा छठा दीक्षांत समारोह है और कोरोना काल के बाद यह हमारा पहला दीक्षांत समारोह है. इस समारोह में 948 रिसर्च स्कॉलर को पीएचडी डिग्री देने के लिए चुना गया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में 52 फीसदी छात्र एससी, ओबीसी आरक्षित वर्ग से आते हैं. इनमें भी लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक है. उन्होंने कहा कि, न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत हमने जेएनयू में कई कोर्सेज की शुरुआत की है, जिसमें एमए इन हिंदी ट्रांसलेशन प्रोग्राम और नाट्य शास्त्र में डिप्लोमा प्रोग्राम शामिल है. अगले सत्र से हम एमए इन हिंदू स्टडीज प्रोग्राम के साथ 5 साल का आयुर्वेदिक कोर्स शुरू करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, जेएनयू में आयुर्वेदिक सेंटर है जहां आयुष मंत्रालय की ओर से छात्रों को मुफ्त में दवाई मुहैया कराई जाती है.

यह भी पढ़ें-JNU 6th convocation: डिग्री देने में JNU ने DU को पछाड़ा, 10 मार्च को 948 छात्रों को मिलेगी PhD डिग्री

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का शुक्रवार को छठा दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य चरित्र निर्माण भी होता है. तत्कालिक बहावों में आकर चरित्र निर्माण के अमूल्य अवसरों को कभी भी गंवाना नहीं चाहिए. जेएनयू जैसे संस्थान मानवता के लिए कार्य करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है.

उन्होंने कहा कि आज पीएचडी की डिग्री पाने वाले सभी छात्रों को मैं बधाई देती हूं. आज 948 छात्रों ने पीएचडी की उपाधि हासिल की है. मुझे बताया गया है कि यह एक प्रकार का राष्ट्रीय कीर्तिमान है. मैं इसके लिए भी जेएनयू परिवार को बहुत-बहुत बधाई देती हूं. मुझे बताया गया है कि जेएनयू को बेस्ट यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल हुआ है. यह भी बताया गया है कि जेएनयू साल 2017 से लगातार दूसरा स्थान हासिल कर रहा है. हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में जेएनयू पहला स्थान हासिल करेगा. आज खुशी की बात है कि जेएनयू में 948 पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों में पुरुषों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा है. यह सामाजिक बदलाव का मुख्य उदाहरण है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए जेएनयू में उच्च व्यवस्था है. मुझे बताया गया कि यहां महिलाएं निडर होकर रात में भी पुस्तकालय और अन्य संस्थान में जा सकती हैं.

वहीं दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, जेएनयू एक रिसर्च यूनिवर्सिटी है. उन्होंने कहा की जब मैं छात्र था तो अपने मित्रों से मिलने के लिए एक बार जेएनयू आ ही जाता था. उन्होंने कहा की जेएनयू जैसा विश्वविद्यालय देश में क्या विदेश में भी नहीं है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में चाहे कोई भी छात्र किसी भी पृष्टभूमि से आए हमें उसका आदर करना होगा. यह जिम्मेदारी जेएनयू के प्रोफेसर और सीनियर छात्रों की है. उन्होंने 948 पीएचडी डिग्री पाने वाले छात्रों से अपील की है की वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को सिद्ध करें.

उनके अलावा जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि, आज दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति जी मौजूदगी ने हमें गौरवान्वित किया है. इस अवसर पर उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मुझे जेएनयू की पहली महिला कुलपति बनाने के लिए उनका धन्यवाद. मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि जिस विजन के साथ पीएम देश को आगे ले जा रहे हैं, जेएनयू भी उसमें अपना योगदान देने के लिए वचनबद्ध है. जेएनयू में 14 स्कूल 10 स्पेशल सेंटर है. हम भारत में उच्च शिक्षा देने के लिए एकमात्र संस्थान हैं, जिसके दो छात्रों को नोबेल पुरस्कार मिला है. कुलपति ने इस दौरान, जेएनयू में बीते एक साल की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की.

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कुलपति ने आगे कहा कि, यह हमारा छठा दीक्षांत समारोह है और कोरोना काल के बाद यह हमारा पहला दीक्षांत समारोह है. इस समारोह में 948 रिसर्च स्कॉलर को पीएचडी डिग्री देने के लिए चुना गया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में 52 फीसदी छात्र एससी, ओबीसी आरक्षित वर्ग से आते हैं. इनमें भी लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक है. उन्होंने कहा कि, न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत हमने जेएनयू में कई कोर्सेज की शुरुआत की है, जिसमें एमए इन हिंदी ट्रांसलेशन प्रोग्राम और नाट्य शास्त्र में डिप्लोमा प्रोग्राम शामिल है. अगले सत्र से हम एमए इन हिंदू स्टडीज प्रोग्राम के साथ 5 साल का आयुर्वेदिक कोर्स शुरू करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, जेएनयू में आयुर्वेदिक सेंटर है जहां आयुष मंत्रालय की ओर से छात्रों को मुफ्त में दवाई मुहैया कराई जाती है.

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