नई दिल्ली: शिक्षक दिवस के अवसर पर मनीष सिसोदिया द्वारा लिखी पुस्तक 'शिक्षा' के विमोचन के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना की. साथ ही कहा कि जीडीपी बढ़ाने में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि हर एक व्यक्ति का खुशहाल होना देश के लिए बहुत ही जरूरी होता है और खुशहाली की नींव होती है बेहतर शिक्षा.
बता दें कि शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार ने एनडीएमसी में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लिखी गई पुस्तक 'शिक्षा' का विमोचन किया गया. इस अवसर पर कई शिक्षाविद, शिक्षक और प्रधानाचार्य सहित देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
शिक्षा पर आधारित नींव
पुस्तक का विमोचन करते हुए प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर पर किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि किसी भी देश की जीडीपी को बढ़ाने के लिए नागरिकों का खुश होकर काम करना जरूरी है और खुशहाली की बुनियाद है बेहतर शिक्षा. उन्होंने कहा कि यह दिल्ली सरकार द्वारा की गई मेहनत है जिसके चलते आज देश केवल जीडीपी के बारे में ही नहीं बल्कि हैप्पीनेस की भी चर्चा कर रहा है. उन्होंने कहा कि हर एक की जिंदगी में हैप्पीनेस बहुत जरूरी है और हैप्पीनेस की नींव शिक्षा पर आधारित है.
प्रणब मुखर्जी ने उपमुख्यमंत्री का किया धन्यवाद
सिसोदिया द्वारा लिखी गई पुस्तक 'शिक्षा' के विमोचन के दौरान प्रणब मुखर्जी ने मनीष सिसोदिया को बधाई दी और कहा कि वह उपमुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने एक ऐसी किताब लिखी जो बड़े-बड़े शोधकर्ताओं के लिए नहीं बल्कि आम शिक्षकों और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए है. पुस्तक विमोचन के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ऑडिटोरियम में मौजूद सभी शिक्षकों का अभिवादन किया. साथ ही उनसे कहा कि छात्रों में सवाल पूछने की क्षमता को विकसित किया जाए जिससे छात्रों की तार्किक क्षमता को बढ़ाया जा सके.
दिल्ली सरकार का किया मार्गदर्शन
वहीं इस कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा लिखी गई इस किताब में दिल्ली सरकार के अब तक के कार्यकाल में किए गए सभी कार्यों को दर्शाया गया है जिसे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति से कम नहीं माना जा रहा. उन्होंने कहा कि दिल्ली अब भारत के अन्य भागों के लिए एक उम्मीद की किरण बन गई है. वहीं मुख्यमंत्री ने प्रणब मुखर्जी का अभिवादन करते हुए कहा कि प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार का हर कदम पर मार्गदर्शन किया है जिसके चलते वह शिक्षा के क्षेत्र में कितना विकास कर सके. उन्होंने कहा कि शायद इसकी वजह यह भी है कि प्रणब मुखर्जी को खुद शिक्षा में बहुत अधिक रुचि है.
मुख्यमंत्री ने अपने 5 साल के कामों का जिक्र किया
वहीं 5 साल में किए गए अपने विकास कार्यों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों की सुधार कार्य को हमने तीन भागों में बांटा था जिसकी शुरुआत 'क्लेरिकल करेक्शन' से की गई थी, जिस दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर खासा जोर दिया गया था. इसके बाद प्रधानाचार्य और शिक्षकों को ट्रेनिंग देने और प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया हुई थी और अंततोगत्वा सारा ध्यान छात्रों के पाठ्यक्रम पर केंद्रित किया गया.
इस दौरान पुस्तक के लेखक मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस पुस्तक में दिए गए कंटेंट दो भागों में विभाजित हैं. पहला भाग शिक्षा की नींव मजबूत करने पर केंद्रित है तो वहीं दूसरा शिक्षा के द्वारा एक नवीन भारत के निर्माण को दर्शाता है.