नई दिल्ली: राजधानी में पूर्वांचल के रहने वाले लाखों लोग दिल्ली में छठ पूजा मनाएंगे. इसके मद्देनजर श्रद्धालुओं सहित सरकार ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं. लेकिन इस बीच राजनीतिक दलों के द्वारा भी छठ घाटों पर जनता के बीच जा कर वोटरों को साधने की कोशिश (Political parties trying to attract voters) की जा रही है. हाल ही में बीजेपी नेता और सांसद मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता समेत बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा के तमाम नेता यमुना घाटों का जायजा लेने पहुंच गए और वहां व्याप्त गंदगी को लेकर केजरीवाल सरकार को जमकर कोसा. तब से लगातार वे आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. इस बहाने उनकी पूरी कोशिश है कि पूर्वांचल के लोगों सहानुभूति भी बटोर सकें.
इस मौके पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पूर्वांचली समुदाय के लोगों का अपमान किया है. यमुना के प्रमुख घाटों पर छठ मनाने की अनुमति न देकर केजरीवाल ने एक बार फिर हिंदुओं की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई है. उन्होंने दावा किया कि पिछले 15 साल की तरह इस बार भी पूर्वांचल के लोग बीजेपी के साथ ही रहेंगे और भाजपा नगर निगम की सत्ता में वापसी करेगी.
बीते दो दशक की बात करें तो दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों की तादाद बढ़ी है. इनका अच्छा खासा वोट बैंक होने के चलते हैं सत्ता में काबिज सरकारों को इन्हें नजरअंदाज करना काफी महंगा पड़ता है. नतीजा है कि आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल भले ही बीते दो दिनों से गुजरात दौरे पर हैं लेकिन उन्होंने अपने मंत्रियों को आदेश दिया है कि कोरोना महामारी के बाद पहली बार बड़े पैमाने मनाए जा रहे छठ पूजा के आयोजन पर, श्रद्धालुओं को घाटों पर तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. हालांकि बहुत जगह पर घाटों की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने को लेकर वहां लोगों में रोष भी है.
दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत दो दिनों से दिल्ली के अलग-अलग घाटों का जायजा ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार यमुना के पास 22 स्थानों और पूरी दिल्ली में 1,100 स्थानों पर छठ पूजा के इंतजाम किए गए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि छठ पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. वहीं बीजेपी नेताओं के आरोपों को लेकर आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड समेत अन्य विभागों द्वारा छठ पूजा के लिए एक महीने पहले से ही यमुना नदी में झाग और प्रदूषण को कम करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी जिससे की श्रद्धालुओं को सूर्यदेव की पूजा करने मे किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं को सिर्फ शोर करना आता है लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला.
वहीं कांग्रेस भी पूर्वांचल के वोटरों को जोड़ने के लिए मैदान में उतर गई है. इस दिशा में प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी सबसे पहले सक्रिय होकर उपराज्यपाल को पत्र लिखा. इसके साथ ही उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल को भी छठ के लिए समुचित इंतजामों के साथ छठ पूजा पर ड्राई डे घोषित करने की मांग की. इसके बाद जब शुक्रवार को उपराज्यपाल ने छठ पूजा के दिन ड्राई डे घोषित किया तब उन्होंने इसे अपनी जीत बताया और यह संदेश पूर्वांचल के लोगों को देने की कोशिश की. इतना ही नहीं शनिवार दोपहर को वह आम आदमी पार्टी के कार्यलय पहुंचे और मांग की कि छठ महापर्व पर श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर शानदार व्यवस्था की जाए.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी अपने व पार्टी नेताओं द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर कहा कि, हमारे नेता और कार्यकर्ता आगामी चुनाव को देखते हुए यह नहीं कर रहे. हमारा मकसद है कि दिल्ली में लाखों छठ श्रद्धालुओं को सुविधा मिले. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में यह वर्ग कांग्रेस का पारंपरिक और बेहद विश्वसनीय मतदाता हुआ करता था. शीला दीक्षित सरकार ने इन प्रवासियों को नजदीकी क्षेत्रों में रहने के लिए जगह, इनकी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं, स्कूल और राशन जैसी सुविधाएं देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यही कारण था कि 2012 तक यह वर्ग बड़ी संख्या में उसके साथ रहा.
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गौरतलब है कि राजधानी की कुल आबादी में लगभग 40-45 फीसदी हिस्सेदारी पूर्वांचल के लोगों की है. पूर्वी दिल्ली, लक्ष्मी नगर, गांधी नगर, आनंद विहार, सोनिया विहार, शास्त्री नगर, त्रिनगर, आनंद पर्वत, भजनपुरा, बुराड़ी, संतनगर, संगम विहार, ओखला, मदनपुर खादर, पंजाबी बस्ती इलाके में इनकी संख्या बहुत ज्यादा है. अब बाहरी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर, कालकाजी, छतरपुर, गोविंदपुरी, उत्तरी दिल्ली के मिथिला विहार, किराड़ी, मंगोलपुरी, उत्तमनगर, विकासपुरी आदि कई इलाकों में रहने वाले पूर्वांचल के लोग विधानसभा सीटों का परिणाम तय करने का दम रखते हैं.