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7 साल बाद पकड़ा गया भगोड़ा, प्रवेश परीक्षा में अपनी जगह दूसरे छात्र को बैठाया - Made another student sit in the entrance exam

दिल्ली पुलिस ने 7 साल से फरार चल रहे एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. युवक पर MBBS की परीक्षा में अपनी जगह किसी दूसरे छात्र को बैठाने का आरोप था.

police caught accused who had installed the second person in the MBBS exam in delhi
7 साल बाद पकड़ा गया भगोड़ा
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Published : Dec 6, 2019, 7:57 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में अपनी जगह किसी अन्य छात्र को बिठाकर परीक्षा दिलवा रहे शख्स को पुलिस ने 7 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक का नाम शैरोन बताया गया है. वह 7 साल से फरार चल रहा था.

7 साल बाद पकड़ा गया भगोड़ा

क्या था मामला
डीसीपी ईश सिंघल के मुताबिक साल 2012 में बिहार के सीवान निवासी मनोज कुमार के खिलाफ एक जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. केरला सरकार के एंट्रेंस एग्जामिनेशन कमिश्नर के आब्जर्वर मोहन बाबू की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई थी.

इसमें बताया गया था कि मनोज एमबीबीएस के एंट्रेंस एग्जाम में किसी दूसरे परीक्षार्थी की जगह बैठ रखा था. वह तिरुवंतपुरम निवासी शैरोन शकील की जगह परीक्षा दे रहा था. उसे परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था. दिल्ली स्थित केरला स्कूल में उसे 25 अप्रैल 2012 को पकड़ा गया था. इस बाबत तिलक मार्ग थाने में FIR दर्ज की गई थी.

अदालत ने किया था भगोड़ा घोषित
इस मामले में फरार चल रहे शैरोन को पटियाला हाउस अदालत ने 22 मार्च 2013 को भगोड़ा घोषित कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने अदालत के समक्ष 2015 में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद भी जांच अधिकारी SI सुनील लगातार फरार चल रहे शैरोन की तलाश कर रहा था.

हाल ही में उसे पता चला कि शैरोन पटियाला हाउस कोर्ट में अपने किसी जानकार से मिलने के लिए आएगा. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपना अपराध पुलिस के समक्ष कबूल कर लिया.

पांच लाख रुपये में हुआ था सौदा
उसने पुलिस को बताया कि वह केरला में एमबीबीएस की प्रोफेशनल डिग्री कोर्स में दाखिला लेना चाहता था. इसलिए उसने मनोज से संपर्क किया. इस परीक्षा के लिए मनोज को वह पांच लाख रुपये देने वाला था. उसने एक लाख रुपये मनोज को एडवांस दिया था. लेकिन परीक्षा में वह पकड़ा गया. पुलिस ने उसे अदालत के समक्ष पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में अपनी जगह किसी अन्य छात्र को बिठाकर परीक्षा दिलवा रहे शख्स को पुलिस ने 7 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक का नाम शैरोन बताया गया है. वह 7 साल से फरार चल रहा था.

7 साल बाद पकड़ा गया भगोड़ा

क्या था मामला
डीसीपी ईश सिंघल के मुताबिक साल 2012 में बिहार के सीवान निवासी मनोज कुमार के खिलाफ एक जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. केरला सरकार के एंट्रेंस एग्जामिनेशन कमिश्नर के आब्जर्वर मोहन बाबू की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई थी.

इसमें बताया गया था कि मनोज एमबीबीएस के एंट्रेंस एग्जाम में किसी दूसरे परीक्षार्थी की जगह बैठ रखा था. वह तिरुवंतपुरम निवासी शैरोन शकील की जगह परीक्षा दे रहा था. उसे परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था. दिल्ली स्थित केरला स्कूल में उसे 25 अप्रैल 2012 को पकड़ा गया था. इस बाबत तिलक मार्ग थाने में FIR दर्ज की गई थी.

अदालत ने किया था भगोड़ा घोषित
इस मामले में फरार चल रहे शैरोन को पटियाला हाउस अदालत ने 22 मार्च 2013 को भगोड़ा घोषित कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने अदालत के समक्ष 2015 में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद भी जांच अधिकारी SI सुनील लगातार फरार चल रहे शैरोन की तलाश कर रहा था.

हाल ही में उसे पता चला कि शैरोन पटियाला हाउस कोर्ट में अपने किसी जानकार से मिलने के लिए आएगा. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपना अपराध पुलिस के समक्ष कबूल कर लिया.

पांच लाख रुपये में हुआ था सौदा
उसने पुलिस को बताया कि वह केरला में एमबीबीएस की प्रोफेशनल डिग्री कोर्स में दाखिला लेना चाहता था. इसलिए उसने मनोज से संपर्क किया. इस परीक्षा के लिए मनोज को वह पांच लाख रुपये देने वाला था. उसने एक लाख रुपये मनोज को एडवांस दिया था. लेकिन परीक्षा में वह पकड़ा गया. पुलिस ने उसे अदालत के समक्ष पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

Intro:नई दिल्ली
एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में अपनी जगह किसी अन्य छात्र को बिठाकर परीक्षा दिलवा रहे एक शख्स को 7 साल बाद तिलक मार्ग पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में परीक्षा दे रहे युवक को मौके से पकड़ लिया गया था. वहीं जिस शैरोन की जगह युवक परीक्षा दे रहा था, वह 7 साल से फरार चल रहा था. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. अदालत के समक्ष पेश कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.


Body:डीसीपी ईश सिंघल के अनुसार वर्ष 2012 में बिहार के सीवान निवासी मनोज कुमार के खिलाफ एक जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. केरला सरकार के एंट्रेंस एग्जामिनेशन कमिश्नर के आब्जर्वर मोहन बाबू की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसमें बताया गया था कि मनोज एमबीबीएस के एंट्रेंस एग्जाम में किसी दूसरे परीक्षार्थी की जगह बैठ रखा था. वह तिरुवंतपुरम निवासी शैरोन शकील की जगह परीक्षा दे रहा था. उसे परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था. दिल्ली स्थित केरला स्कूल में उसे 25 अप्रैल 2012 को पकड़ा गया था. इस बाबत तिलक मार्ग थाने में।एफआईआर दर्ज की गई थी.



अदालत ने किया था भगोड़ा घोषित
इस मामले में शैरोन फरार चल रहा था. पटियाला हाउस अदालत ने उसे 22 मार्च 2013 को भगोड़ा घोषित कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने अदालत के समक्ष 2015 में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद भी जांच अधिकारी एसआई सुनील लगातार फरार चल रहे शैरोन की तलाश कर रहा था. हाल ही में उसे पता चला की शैरोन पटियाला हाउस कोर्ट में अपने किसी जानकार से मिलने के लिए आएगा. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपना अपराध पुलिस के समक्ष कबूल कर लिया.





Conclusion:पांच लाख रुपये में हुआ था सौदा
उसने पुलिस को बताया कि वह केरला में एमबीबीएस की प्रोफेशनल डिग्री कोर्स में दाखिला लेना चाहता था. इसलिए उसने मनोज से संपर्क किया. इस परीक्षा के लिए मनोज को वह पांच लाख रुपये देने वाला था. उसने एक लाख रुपये मनोज को एडवांस दिया था. लेकिन परीक्षा में वह पकड़ा गया. पुलिस ने उसे अदालत के समक्ष पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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