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साहित्य अकादमी पुस्तक मेले 'पुस्तकायन' के सातवें दिन विभिन्न भाषाओं के कवियों ने दी प्रस्तुति - sahitya akademi book fair 2023

Sahitya akademi book fair 2023: साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित 'पुस्तकायन' पुस्तक मेले में हर रोज विभिन्न कवि अपनी रचनाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं. इसी क्रम में मेले के सातवें दिन अन्य भारतीय भाषाओं के कवियों ने मनमोहक प्रस्तुति दी.

sahitya akademi book fair pustakyan in delhi
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 8, 2023, 2:16 PM IST

Updated : Dec 8, 2023, 3:45 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में गुरुवार को साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित 'पुस्तकायन' पुस्तक मेले के सातवें दिन बहुभाषी रचना-पाठ का आयोजन हुआ. अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार अमीता परसुराम मीता ने की. इस दौरान राघव गुप्ता (अंग्रेजी), अनामिका (हिंदी), रमेश प्रजापति (हिंदी), सुजाता चौधरी (ओड़िया), अरकमल कौर (पंजाबी) एवं मोहन हिमथाणी (सिंधी) ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं. इस दौरान राघव गुप्ता ने चित्र कविताओं के माध्यम से एक नए तरह की कविताओं से श्रोताओं को परिचित करवाया. पश्चिम में लोकप्रिय रही यह विधा भारत में अभी उतनी प्रचलित नहीं है. उन्होंने 'गुलमोहर', 'इंक' आदि शीर्षक से भी कविताएं प्रस्तुत कीं.

वहीं प्रख्यात हिंदी कवयित्री अनामिका ने 'नमस्कार 2064', 'शीरो (हीरो की तर्ज पर)', 'किनके लिए लिखी जाती हैं कविताएं' शीर्षक वाली कविताएं सुनाई. वहीं रमेश प्रजापति ने 'मकई की हँसी', 'गेहूं का खेत', 'गुलमोहर', 'पानी का वैभव' एवं 'मेरे भीतर जागते हैं पिता' आदि शीर्षक से अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं. उनके अलावा ओड़िआ कवयित्री सुजाता चौधरी ने 'माँ' कविता से अपना रचना-पाठ शुरू किया और मायके आदि से जुड़ी अन्य रचनाएं सुनाईं. पंजाबी कवयित्री अरकमल कौर ने कई गजलें प्रस्तुत की, जबकि सिंधी कवि मोहन हिमथाणी ने 'शहर के शोरगुल में खिला हुआ गुलाब' सहित अन्य कविताएं सुनाई.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही उर्दू की प्रसिद्ध शायरा अमीता परसुराम मीता ने अपनी गजलें प्रस्तुत कीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि कविता से निकली सोच और भावनाएं एक दिल से दूसरे दिल तक पहुंचने का सफर तय करती हैं. यह जरूरी नहीं कि किसी कवि की हर रचना दिल तक पहुंचे. लेकिन लेकिन शब्दों की सच्चाई हमें हमेशा प्रभावित करती है. वहीं सीसीआरटी छात्रवृत्ति पा रही कथक नृत्यांगना बाल कलाकार तमन्ना पोखरिया ने अपनी प्रस्तुति दी एवं आद्या सिंह ने नक्कारा वादन प्रस्तुत किया.

यह भी पढ़ें-साहित्य अकादमी पुस्तक मेला 'पुस्तकायन' का छठा दिन, साहित्यिक पत्रिकाओं की चुनौतियों पर हुई चर्चा

वहीं प्रवासी मंच कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया से आए तेलुगु लेखक मल्लिकेश्वर राव कोंचाडा ने अपनी रचनाएं सुनाई. कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अतिथियों को अंगवस्त्रम् भेंट किया. कार्यक्रम का संयोजन साहित्य अकादमी के उपसचिव कृष्णा किंबहुने ने किया. शुक्रवार को 'तकनीकी युग में प्रकाशन' विषयक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया जाएगा. साहित्य अकादमी परिसर में 09 दिसंबर 2023 तक चलने वाला यह पुस्तक मेला प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 बजे से रात 8 बजे तक खुला है.

यह भी पढ़ें-साहित्य अकादमी पुस्तक मेले के पांचवें दिन हुआ कवि सम्मेलन का आयोजन, कवियों ने किया भाव विभोर

नई दिल्ली: राजधानी में गुरुवार को साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित 'पुस्तकायन' पुस्तक मेले के सातवें दिन बहुभाषी रचना-पाठ का आयोजन हुआ. अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार अमीता परसुराम मीता ने की. इस दौरान राघव गुप्ता (अंग्रेजी), अनामिका (हिंदी), रमेश प्रजापति (हिंदी), सुजाता चौधरी (ओड़िया), अरकमल कौर (पंजाबी) एवं मोहन हिमथाणी (सिंधी) ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं. इस दौरान राघव गुप्ता ने चित्र कविताओं के माध्यम से एक नए तरह की कविताओं से श्रोताओं को परिचित करवाया. पश्चिम में लोकप्रिय रही यह विधा भारत में अभी उतनी प्रचलित नहीं है. उन्होंने 'गुलमोहर', 'इंक' आदि शीर्षक से भी कविताएं प्रस्तुत कीं.

वहीं प्रख्यात हिंदी कवयित्री अनामिका ने 'नमस्कार 2064', 'शीरो (हीरो की तर्ज पर)', 'किनके लिए लिखी जाती हैं कविताएं' शीर्षक वाली कविताएं सुनाई. वहीं रमेश प्रजापति ने 'मकई की हँसी', 'गेहूं का खेत', 'गुलमोहर', 'पानी का वैभव' एवं 'मेरे भीतर जागते हैं पिता' आदि शीर्षक से अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं. उनके अलावा ओड़िआ कवयित्री सुजाता चौधरी ने 'माँ' कविता से अपना रचना-पाठ शुरू किया और मायके आदि से जुड़ी अन्य रचनाएं सुनाईं. पंजाबी कवयित्री अरकमल कौर ने कई गजलें प्रस्तुत की, जबकि सिंधी कवि मोहन हिमथाणी ने 'शहर के शोरगुल में खिला हुआ गुलाब' सहित अन्य कविताएं सुनाई.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही उर्दू की प्रसिद्ध शायरा अमीता परसुराम मीता ने अपनी गजलें प्रस्तुत कीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि कविता से निकली सोच और भावनाएं एक दिल से दूसरे दिल तक पहुंचने का सफर तय करती हैं. यह जरूरी नहीं कि किसी कवि की हर रचना दिल तक पहुंचे. लेकिन लेकिन शब्दों की सच्चाई हमें हमेशा प्रभावित करती है. वहीं सीसीआरटी छात्रवृत्ति पा रही कथक नृत्यांगना बाल कलाकार तमन्ना पोखरिया ने अपनी प्रस्तुति दी एवं आद्या सिंह ने नक्कारा वादन प्रस्तुत किया.

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वहीं प्रवासी मंच कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया से आए तेलुगु लेखक मल्लिकेश्वर राव कोंचाडा ने अपनी रचनाएं सुनाई. कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अतिथियों को अंगवस्त्रम् भेंट किया. कार्यक्रम का संयोजन साहित्य अकादमी के उपसचिव कृष्णा किंबहुने ने किया. शुक्रवार को 'तकनीकी युग में प्रकाशन' विषयक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया जाएगा. साहित्य अकादमी परिसर में 09 दिसंबर 2023 तक चलने वाला यह पुस्तक मेला प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 बजे से रात 8 बजे तक खुला है.

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Last Updated : Dec 8, 2023, 3:45 PM IST
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