नई दिल्ली: नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर की विजुअल आर्ट गैलरी में 8 मई तक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इसमें गुरुगांव की रहने वाली स्मिता जैन द्वारा बनाए गए चित्रों को लगाया गया है. स्मिता जैन द्वारा आयोजित इस एकल प्रदर्शनी को 'पास्ट एंड बियॉन्ड' नाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये अतीत से उनकी सभी यादों को एक साथ लाती है और उन्हें भविष्य की संभावनाओं के साथ जोड़ती है, इसलिए उन्होंने इस प्रदर्शनी को यह नाम दिया.
प्रदर्शनी में स्मिता ने अपने जीवन के अनुभवों को चित्रों का रूप किया है, चाहे वह बिहार में उनका पैतृक घर हो या लद्दाख और कश्मीर के रहस्यवादी घर. साथ ही इसमें राजस्थान के महल या पवित्र शहर बनारस की झलकिया भी हैं. उन्होंने अपनी कला कि सही परख करने के लिए 6 मई को दिल्ली के कुछ बच्चों को बुलाया और उनसे उनके चित्रों के बारे में लिखने को कहा. स्मिता ने बताया कि उन्होंने पहली बार किया और उनका अनुभव भी अच्छा रहा.
इसपर क्यूरेटर अक्षत सिन्हा ने बताया कि 'स्मिता एक ऐसी दुनिया को चित्रित करती हैं, जो किसी मनुष्य या जानवरों के न होने के बावजूद आकर्षित करती है. वह एक ही समय में कुशल स्ट्रोक और मोटी इम्पैस्टो तकनीकों के साथ जो माहौल बनाती हैं, वह बातचीत और कहानियों में ट्यून करने में मदद करती है. उन्होंने कहा कि वे कला के माध्यम से अनकही भावनाओं की ताकत को रंगों और रेखाओं, प्रकाश और छाया, गहराई और हाइलाइट्स के माध्यम से कहती हैं.
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पेशे से टेक्सटाइल डिजाइनर स्मिता, 20 से अधिक वर्षों से पेंटिंग और अपने काम की प्रदर्शनी लगा रही हैं. आरा (बिहार) में उनका पैतृक घर, उनकी स्मृति में अंकित है. वह जिन परिदृश्यों या शहर के नजारों को चित्रित करती हैं, वह न केवल वास्तुकला बल्कि स्थान के परिवेश को भी कैप्चर करता है. अपने चित्रों के माध्यम से वह उन कहानियों को बताती हैं, जो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सुनी हैं. उनकी रचनाएं किसी भी मानव या पशु आकृतियों को चित्रित किए बिना जीवंत रंग, अंतरिक्ष के जीवन और जीवंतता को दर्शाती हैं. बताया गया कि यह प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक खुली है.
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