ETV Bharat / state

स्पेशलिस्ट का दर्जा छीने जाने पर PGDCC डॉक्टरों का विरोध, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

1700 डॉक्टरों का इंडियन मेडिकल काउंसिल द्वारा स्पेशलिस्ट का दर्जा छीने जाने के बाद विरोध तेज हो गया है. इस फैसले का विरोध करते हुए डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है.

PGDCC doctors protest against special status being stripped
PGDCC डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Mar 6, 2020, 3:23 AM IST

नई दिल्ली: पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा होल्डर्स इन क्लीनिक कार्डियोलॉजी (पीजीडीसीसी) के करीब 1700 डॉक्टरों का इंडियन मेडिकल काउंसिल द्वारा स्पेशलिस्ट का दर्जा छीने जाने पर विरोध शुरू हो गया है. पीजीडीसीसी डॉक्टरों ने एमसीआई के फैसले का विरोध किया और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है.

PGDCC डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन

बता दें कि इग्नू से 2006 से 2013 के बीच पीजीडीसीसी का कोर्स करने वाले मेडिकल प्रैक्टिशनर्स से स्पेशलिस्ट का दर्जा छीन लिया गया है.

क्या है पूरा मामला?

वहीं एमसीआई के फैसले को लेकर पीजीडीसीसी धारक डॉक्टर विद्रोह पर उतर आए हैं. अपने इस विद्रोह के माध्यम से यह सभी डॉक्टर सरकार के सामने यह तथ्य लाना चाहते हैं कि मेंस्ट्रीम में पीजीडीसीसी को लाने से बड़ी संख्या में क्लीनिकल कार्डियोलॉजिस्ट देशभर के हार्ट मरीजों के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.

वहीं मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के इस फैसले का मेडिकल प्रैक्टिशनर्स लगातार विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से कार्डियोलॉजी में डिप्लोमा को मान्यता दे दी गई तो पीजीडीएमसीसी के डॉक्टरों को मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है. उन्होंने जंतर-मंतर पर इसका विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप करने की भी मांग की.

नई दिल्ली: पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा होल्डर्स इन क्लीनिक कार्डियोलॉजी (पीजीडीसीसी) के करीब 1700 डॉक्टरों का इंडियन मेडिकल काउंसिल द्वारा स्पेशलिस्ट का दर्जा छीने जाने पर विरोध शुरू हो गया है. पीजीडीसीसी डॉक्टरों ने एमसीआई के फैसले का विरोध किया और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है.

PGDCC डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन

बता दें कि इग्नू से 2006 से 2013 के बीच पीजीडीसीसी का कोर्स करने वाले मेडिकल प्रैक्टिशनर्स से स्पेशलिस्ट का दर्जा छीन लिया गया है.

क्या है पूरा मामला?

वहीं एमसीआई के फैसले को लेकर पीजीडीसीसी धारक डॉक्टर विद्रोह पर उतर आए हैं. अपने इस विद्रोह के माध्यम से यह सभी डॉक्टर सरकार के सामने यह तथ्य लाना चाहते हैं कि मेंस्ट्रीम में पीजीडीसीसी को लाने से बड़ी संख्या में क्लीनिकल कार्डियोलॉजिस्ट देशभर के हार्ट मरीजों के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.

वहीं मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के इस फैसले का मेडिकल प्रैक्टिशनर्स लगातार विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से कार्डियोलॉजी में डिप्लोमा को मान्यता दे दी गई तो पीजीडीएमसीसी के डॉक्टरों को मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है. उन्होंने जंतर-मंतर पर इसका विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप करने की भी मांग की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.