नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली में अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि आपने आसपास ईंटों और लोहे की छड़ों को देखकर ये कैसे अनुमान लगा लिया कि ये अनाधिकृत निर्माण है.
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दक्षिणी दिल्ली में अनाधिकृत निर्माण की शिकायत
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि यह एक गंभीर मामला है. पूरे दक्षिणी दिल्ली जिले में अवैध निर्माण चल रहे हैं. रोड पर भवन निर्माण सामग्री जैसे बालू, सीमेंट लोहे की छड़ें पड़े हुए हैं।. याचिकाकर्ता ने कहा कि हमने रोड पर पड़े भवन निर्माण सामग्री के फोटो भी याचिका में लगा रखा है.
उन्होंने कहा कि भवनों के निर्माण के दौरान कोई सुरक्षात्मक कवर भी नहीं किया जाता है. फटे कपड़ों से ढक दिया जाता है। इससे राहगीरों को तो नुकसान होता है.
कोर्ट ने जुर्माने के साथ खारिज की याचिका
याचिका में कहा गया था कि अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. याचिकाकर्ता ने इसके लिए प्रशासन से शिकायत की थी, मलबों को वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स के मुताबिक निस्तारण करने की मांग की थी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि रोड पर ईंट और निर्माण सामग्री पड़े होने से आपने अनुमान लगा लिया कि अनाधिकृत निर्माण हो रहे हैं, इन निर्माण के मैप कहां हैं. क्या आपने इन निर्माणों के मैप आरटीआई के जरिये हासिल की थी. हम आपकी याचिका को जुर्माने के साथ खारिज करते हैं.
तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमें याचिका वापस लेने की अनुमति दीजिए. तब कोर्ट ने कहा कि हम याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे. उसके बाद कोर्ट ने 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दिया.