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दिल्ली: रावण के साथ कोरोना का होगा दहन, पुतले पर दर्शाया वायरस का दृश्य

कोरोना का असर इस बार दशहरे पर भी देखने को मिल रहा है. देशभर में रावण के पुतले को कई जगह पर कोरोना वायरस का आकार दिया गया. ऐसा ही दिल्ली के कालकाजी विधानसभा में दिखा. यहां पर रावण के मुंह को कोरोना वायरस का आकार दिया गया है.

people will burn ravan with corona picture on effigy at kalkaji in delhi
कोविड-19 का रावण के पुतले के साथ होगा खात्मा
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Published : Oct 25, 2020, 4:48 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का असर विश्व के साथ-साथ पूरे देश में नजर आ रहा है. वहीं इसके कारण त्योहारों का भी रंग फीका हो गया है. इस बार दशहरे के मौके पर लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ-साथ कोरोना महामारी को भी खत्म करने का संदेश देना चाहते हैं. दिल्ली के कालकाजी विधानसभा में रावण के पुतले को बड़े ही खास अंदाज में बनाया गया है. रावण के मुंह को कोरोना वायरस की तरह बनाया गया है.

कोविड-19 का रावण के पुतले के साथ होगा खात्मा

कोरोना को देखते हुए खास इंतजाम

दक्षिण दिल्ली स्थित कालकाजी विधानसभा में होने वाले हर साल दशहरे के कार्यक्रम में इस बार महामारी को देखते हुए सभी ऐहतियात के साथ तैयारी की गई है, लेकिन इस बार रावण के साथ कोरोना का रावण भी श्री युवा रामलीला कमेटी की तरफ से तैयार करवाया गया है. जिससे कि इस महामारी के खात्मे को लेकर लोगों के बीच एक जागरूकता संदेश पहुंच सके.

30 साल से रामलीला और दशहरे का आयोजन

कमेटी के चेयरमैन सुभाष सोनी ने बताया पहले कमेटी की तरफ से यह निर्णय लिया गया था कि इस साल रामलीला या दशहरे के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा, लेकिन फिर यह फैसला हुआ कि पिछले करीब 30 सालों से हो रही परंपरा को ऐसे तोड़ा नहीं जा सकता. इसीलिए सिर्फ दशहरे के दिन रावण दहन का आयोजन किया गया है. हालांकि रामलीला और मेले का आयोजन नहीं हुआ है. इसके साथ ही कमेटी के प्रधान राकेश खुराना ने कहा कि सिर्फ 200 लोगों की एंट्री के साथ रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. कुर्सियां सोशल डिस्टेंस के साथ लगाई गई हैं. जो भी लोग रावण दहन के लिए ग्राउंड में आएंगे, उन्हें एंट्री पास दिखाना होगा. साथ ही सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था भी की गई है.

रावण के साथ जलेगा कोरोना का पुतला

आपको बता दें कि कालकाजी विधानसभा के ग्राउंड में हर साल भव्य रामलीला और दशहरे का आयोजन होता था, तमाम झूले लगाए जाते थे और हजारों की तादाद में लोग इस मेले में पहुंचते थे. महामारी के चलते सिर्फ 200 लोगों के अनुमति के साथ रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें रावण के साथ सिर्फ कोरोना का पुतला दहन किया जाएगा. जबकि हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले दहन किए जाते थे.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का असर विश्व के साथ-साथ पूरे देश में नजर आ रहा है. वहीं इसके कारण त्योहारों का भी रंग फीका हो गया है. इस बार दशहरे के मौके पर लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ-साथ कोरोना महामारी को भी खत्म करने का संदेश देना चाहते हैं. दिल्ली के कालकाजी विधानसभा में रावण के पुतले को बड़े ही खास अंदाज में बनाया गया है. रावण के मुंह को कोरोना वायरस की तरह बनाया गया है.

कोविड-19 का रावण के पुतले के साथ होगा खात्मा

कोरोना को देखते हुए खास इंतजाम

दक्षिण दिल्ली स्थित कालकाजी विधानसभा में होने वाले हर साल दशहरे के कार्यक्रम में इस बार महामारी को देखते हुए सभी ऐहतियात के साथ तैयारी की गई है, लेकिन इस बार रावण के साथ कोरोना का रावण भी श्री युवा रामलीला कमेटी की तरफ से तैयार करवाया गया है. जिससे कि इस महामारी के खात्मे को लेकर लोगों के बीच एक जागरूकता संदेश पहुंच सके.

30 साल से रामलीला और दशहरे का आयोजन

कमेटी के चेयरमैन सुभाष सोनी ने बताया पहले कमेटी की तरफ से यह निर्णय लिया गया था कि इस साल रामलीला या दशहरे के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा, लेकिन फिर यह फैसला हुआ कि पिछले करीब 30 सालों से हो रही परंपरा को ऐसे तोड़ा नहीं जा सकता. इसीलिए सिर्फ दशहरे के दिन रावण दहन का आयोजन किया गया है. हालांकि रामलीला और मेले का आयोजन नहीं हुआ है. इसके साथ ही कमेटी के प्रधान राकेश खुराना ने कहा कि सिर्फ 200 लोगों की एंट्री के साथ रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. कुर्सियां सोशल डिस्टेंस के साथ लगाई गई हैं. जो भी लोग रावण दहन के लिए ग्राउंड में आएंगे, उन्हें एंट्री पास दिखाना होगा. साथ ही सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था भी की गई है.

रावण के साथ जलेगा कोरोना का पुतला

आपको बता दें कि कालकाजी विधानसभा के ग्राउंड में हर साल भव्य रामलीला और दशहरे का आयोजन होता था, तमाम झूले लगाए जाते थे और हजारों की तादाद में लोग इस मेले में पहुंचते थे. महामारी के चलते सिर्फ 200 लोगों के अनुमति के साथ रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें रावण के साथ सिर्फ कोरोना का पुतला दहन किया जाएगा. जबकि हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले दहन किए जाते थे.

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