नई दिल्ली: देश में बढ़ रहे महिलाओं के प्रति अपराधिक वारदातों को लेकर पिछले करीब 10 दिनों से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल राजघाट पर अनशन पर बैठी हैं. वहीं उन्हें देशभर से सोशल मीडिया के जरिए समर्थन मिल रहा है. तो उधर उनके समर्थकों ने राजघाट से संसद मार्ग के लिए गुरुवार को पैदल मार्च निकाला. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ ही मुखर्जी नगर में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे छात्रों ने भी हिस्सा लिया.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प
वहीं प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने शहीदी पार्क के पास बैरिकेड लगाकर रोक लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प भी हुई जिसमें करीब आधे दर्जन लोगों को चोट आई.
बता दें कि 2 दिन पहले भी स्वाति मालीवाल के समर्थकों ने इंडिया गेट तक एक कैंडल मार्च निकाला था लेकिन उन्हें शहीदी पार्क पर ही रोक लिया गया था और आज भी उन्हें इसी तरह संसद में की ओर नहीं बढ़ने दिया गया.
कई प्रदर्शनकारियों को आई चोट
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपना विरोध जाहिर करते हुए पुलिसकर्मियों की तरफ चूड़ियां फेंकी जिससे कई पुलिसकर्मियों को चोट भी लगी. वहीं कई बार प्रदर्शनकारियों के द्वारा बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की गई. जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. वहीं इस दौरान कई प्रदर्शनकारी महिलाओं को गंभीर चोटें भी आई हैं. जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया. बता दें कि करीब ढाई घंटे तक चली इस नूरा कुश्ती में पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद नजर आई.
दुष्कर्म करने वाले को मिले छह माह में मिले सजा
वहीं प्रदर्शन कर रही महिलाएं इस दौरान दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार खिलाफ नारेबाजी करती रही. वहीं प्रदर्शनकारियों की मांग है की दुष्कर्म करने वाले दोषियों को 6 माह के भीतर सख्त से सख्त सजा मिले.
प्रदर्शकारियों ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष करीब एक हफ्ते अधिक समय से अनशन पर बैठी हैं. लेकिन केंद्र सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे मिलने के लिए नहीं आया है और नहीं देश में बढ़ रही महिलाओं के प्रति अत्याचार को लेकर किसी ने अपना बयान जारी किया है.
क्या है मांगे
- निर्भया के बलात्कारियों को फांसी दो
- कठोर सिस्टम बनाकर बलात्कारियों को 6 महीने के अंदर फांसी दो
- पुलिस के संसाधन बढ़ाओ 66 हजार पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस में बढ़ाया जाए
- फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं
- पुलिस की जवाबदेही और आधुनिकरण
- निर्भया फंड का उपयोग हो