नई दिल्ली : देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. दिल्ली में कोरोना के खतरे को देखते हुए कई तरह की पाबंदियां लागू की गई हैं. बाजार ऑड-ईवन सिस्टम से खोले जा रहे हैं. धारा 144 लागू की गई है. इसके साथ ही नाइट कर्फ्यू भी लागू है. दिल्ली सरकार ने शादी सीजन को देखते हुए शादी समारोह में लोगों की तादाद 20 तक तय कर दी है. इससे अधिक लोगों के जुटने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.
सरकार के इस फरमान के बाद लोग काफी परेशान हैं. शादी की तैयारियां पूरी करके बैठे लोग अब सरकार के इस आदेश से परेशान हैं. किराए पर मैरेज लॉन चलाने वाले भी सरकार से रियायत देने की गुहार लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि कर्ज लेकर शादी सीजन के लिए मैरेज लॉन तैयार किया, लेकिन सरकार के इस आदेश से शादियां लॉन में नहीं हो सकेंगी. लोग बुकिंग कैंसिल कराने लगे हैं. ऐसे में भारी नुकसान होगा. आखिर इनकी भरपाई कैसे होगी.
मांगेराम मार्केट के किसान वाटिका में लोग शादी-उत्सव आयोजित करते रहते हैं, लेकिन फिलहाल यह सूना पड़ा है. शादी समारोह में 20 लोगों की संख्या तय करने की वजह से प्रोग्राम कैंसिल हो गए हैं. फंक्शन करने वालों से लेकर वाटिका ऑनर और कामगार सभी परेशान हैं. किसान वाटिका को चलाने वाले कमल सेंगर का कहना है कि कम से कम 100 लोगों की अनुमति दी जानी चाहिए. 20 लोगों में तो उनके लेबरों का खर्च भी नहीं निकल पाएगा.
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नई गाइडलाइन्स के कारण बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं. आगे की बुकिंग्स भी कैंसिल होने की संभावना है. इसका असर वाटिका बिजनेस पर भी पड़ने लगा है. लगातार 2 साल से कोरोना की मार झेलकर कर्ज में डूब चुके वाटिका संचालकों को अब समझ मे नहीं आ रहा है कि करें तो अब क्या करें? लोग सरकार से गुहार भी लगा रहे हैं. औऱ सवाल भी पूछ रहे हैं, क्यों 20 लोगों वाला नियम सिर्फ शादियों के लिए ही है. चुनावी रैलियों और जनसभाओं पर इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है. क्या चुनावी रैलियों से कोरोना नहीं फैलता है.